Raisen रायसेन। नुकीली संरचनाओं, पेड़ोें पर बिजली गिरने की अधिक संभावना रहती है। इससे दूर रहे पहाड़ी टेकरी, बिजली के खंभे, क्रेन,ट्रेक्टर आदि से दूर रहे पानी के धातु पाइप से दूर रहे। प्रदेश भर के जिलोंमें इन दिनों गरज चमक के साथ बारिश का सिलसिला चल रहा है। ऐसे में रायसेन जिले में जगह-जगह बिजली गिरने की घटनाएं भी हो रही है। मानसून के इस मौसम में अक्सर बादलों में बिजली चमकती है, और जमीन पर गिरती है। इसकी चपेट में पेड़ पौधे, मवेशी एवं यहां तक मनुष्य भी आ जाते है। ऐसे में जान का खतरा बना रहता है। बिजली से बचाव के लिए मौसम विभाग, स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी जारी की जाती है। इस बार भी बिजली गिरने की घटनाएं हो रही है। एडवाइजरी
इधर,मौसम विशेषज्ञ डॉ एसएस तोमर का कहना है कि आसमान में बादलों का हवा के वेग से एक दूसरे से विरोधी दिशा में जाते हुए टकराना व इससे घर्षण उत्पन्न होना। घर्षण से विद्युत पैदा होती है और पृथ्वी पर पहुंचती है। इस विद्युतीय प्रवाह को बिजली का स्टैप्ड लीडर कहा जाता है। इसे देखा जा सकता है। मानव का शरीर विद्युत का अच्छा संवाहक होता है। इसलिए हमारा शरीर आसमानी बिजली के प्रवाह को स्वीकार कर लेता है। इसे बिजली गिरना कहते हैं। दोपहर के बाद इसके गिरने की आशंका अधिक होती है। आकाशीय बिजली के गिरने से लोगों के साथ ही पशु-पक्षियों की मौत हो जाती है। हरे पेड़ गिर जाते हैं। बिजली जब गरजती है तो बिजली के पोल तथा पेड़ के नीचे न खड़े हो। मोबाइल बंद रखे सुरक्षित जगह खड़े हो।पानी में खड़े न हो ।