सेल की किरीबुरू-मेघाहातुबुरु जेनरल अस्पताल में स्त्री व इएनटी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चयनित

सेल की झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस प्रबंधन ने सेल की किरीबुरू-मेघाहातुबुरु जेनरल अस्पताल में स्त्री रोग व इएनटी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है.

Update: 2022-09-24 03:23 GMT

न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सेल की झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस प्रबंधन ने सेल की किरीबुरू-मेघाहातुबुरु जेनरल अस्पताल में स्त्री रोग व इएनटी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है. इससे सेलकर्मियों व विभिन्न संगठनों के अलावा महिलाओं में खुशी देखी जा रही है. सेल की बीएसएल प्रबंधन ने विज्ञापन संख्या- बीएसएल/आर-सी/2022-02 दिनांक 19.08.2022 के जरिये 06.09.2022 को आयोजित वॉक-इन इंटरव्यू के माध्यम से झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस के लिए सेवा अनुबंध पर नियुक्ति के लिए डॉक्टरों का चयन किया है.

इन डॉक्टरों की हुई है नियुक्ति
सेल की किरीबुरू-मेघाहातुबुरु जेनरल अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. दिव्या एवलिन कुआर्डर, इएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ. नीति रानी वर्मा व जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर के पद पर डॉ. सुमन को नियुक्त किया गया है. जबकि सेल की गुवा अस्पताल के लिये डॉ. रिंकु जयसवाल व चिड़िया अस्पताल के लिये दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. सक्षम कुमार को नियुक्त किया गया है. संभावना जताई जा रही है कि सभी डॉक्टर जल्द ही उक्त अस्पतालों में अपना योगदान देकर मरीजों की सेवा कार्य से जुड़ जायेंगे. वहीं, सेल की किरीबुरू व मेघाहातुबुरु के तमाम मजदूर व सामाजिक संगठनों ने इसके लिये सेल प्रबंधन के प्रति आभार जताया है.
संगठन अगली लड़ाई हृदय रोग व शल्य चिकित्सा विशेषज्ञ के लिए लड़ेगी : राजेन्द्र सिंधिया
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरू के महामंत्री राजेन्द्र सिंधिया ने कहा कि महिला व इएनटी रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति सभी के लिये गर्व की बात है. बस देखना है कि सेलकर्मियों व जनता के हित में हृदय रोग विशेषज्ञ और शल्य चिकिस्ता विशेषज्ञ हमें कब मिलेगा. सेल की झारखंड ग्रुप की खदान क्षेत्रों मे हृदय घात कि बढ़ती समस्या को लेकर सभी चिंतित है. चिकित्सक द्वारा ऐसे बीमारी वाले मरीज को गैसटिक की दवा दे कर छोड़ दिये जाने के अनेक मामले आ रहा हैं. विशेषज्ञ चिकिस्तक कि कमी के कारण यह हो रहा है. ऐसे में कई की जान भी चली जा रही है. संगठन अगली लड़ाई हृदय रोग व शल्य चिकित्सा विशेषज्ञ के लिए लड़ेगी, ताकि किरीबुरू अस्पताल को उक्त रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर मिल सके.
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