झारखंड में सूखे को लेकर सरकार गंभीर, किसानों की मदद के लिए जिलों में जाकर मॉनिटर करेंगे अधिकारी, इन्हें मिली इस जिले की जिम्मेदारी

राज्य में सुखाड़ की स्थिति को लेकर सरकार गंभीर है। कृषि मंत्री ने बादल ने कहा है कि किसानों को मदद के लिए सरकार कृतसंकल्पित है।

Update: 2022-08-07 03:54 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्य में सुखाड़ की स्थिति को लेकर सरकार गंभीर है। कृषि मंत्री ने बादल ने कहा है कि किसानों को मदद के लिए सरकार कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि विभाग के पदाधिकारियों को जिलों में जाकर मॉनिटर करने और किसानों की परेशानियों का आकलन जमीनी स्तर पर करने की हिदायत दी गयी है। विभागीय सचिव अबूबकर सिद्दीक भी लगातार बैठक कर रहे हैं।

कृषि सचिव ने मुख्यालय के पदाधिकारियों को जिलों में जाकर रिपोर्ट बनाने का निर्देश दिया है। उनसे कहा गया है कि वे संबंधित जिला के उपायुक्त से संपर्क कर अल्प वृष्टि के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों की जानकारी लें। सुखाड़ से सर्वाधिक प्रभावित गांव का रेंडमली चयन कर क्षेत्र भ्रमण करें। अल्प वृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का आकलन कर 10 अगस्त से पहले प्रतिवेदन दें। कृषि सचिव ने कहा कि जिला पदाधिकारी किसानों को राहत के लिए योजना बनाएं।
कृषि सचिव ने विशेष सचिव राजेश सिंह को रांची जबकि, कृषि निदेशक निशा उरांव को खूंटी की जिम्मेवारी दी है। पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा को गढ़वा, सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मृत्युंजय कुमार बर्णवाल को रामगढ़, मनोज कुमार को कोडरमा, अंजनी कुमार को हजारीबाग, प्रदीप कुमार हजारी को गोड्डा, गोपाल जी तिवारी को पूर्वी सिंहभूम, विधान चंद्र चौधरी को लोहरदगा, राजकुमार गुप्ता को लातेहार, नयनतारा केरकेट्टा को गुमला, नवीन कुमार को पश्चिमी सिंहभूम, एच एन द्विवेदी को देवघर, सुभाष सिंह को दुमका, संतोष कुमार को बोकारो, मुकेश कुमार सिन्हा को धनबाद, फनेंद्र नाथ त्रिपाठी को सरायकेला, अजेस्वर प्रसाद सिंह को पलामू, असीम रंजन एक्का को सिमडेगा, डॉ मनोज कुमार तिवारी को चतरा, जय प्रकाश शर्मा को जामताड़ा, कुमुद कुमार को साहेबगंज, राकेश कुमार सिंह को पाकुड़, मनोज कुमार को गिरिडीह भेजा गया है।
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