बिना जानकारी पानी में उतर कर बन रहे शिकार, हिमाचल में हर साल डूबने से 100 मौतें, जून से अगस्त महीने तक सबसे ज्यादा मामले
प्रदेश में सालाना नदी-नालों में डूब कर मरने वालों की संख्या औसतन 100 से अधिक रह रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।श्चित तौर पर चिंता का विषय है और ऐसा भी देखने में आया है कि जून से अगस्त तक ऐसे मामलों की संख्या अधिक रह रही है। यह समय प्रदेश में टूरिस्ट सीजन का होता है और पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों के भी इन दिनों के दौरान गर्मी से निजात पाने व नहाने के लिए नदी-नालों की तरफ रुख करना एक बड़ा कारण बन रहा है। इसके साथ बादल फटना, भारी बारिश, नदी-नालों में अचानक पानी का स्तर बढऩा दुर्घटना का सबब बनता है। पहली जनवरी, 2020 से 31 जनवरी, 2021 तक के 13 महीने में प्रदेश में ऐसे 160 मामलों में 156 लोगों की जान चली गई थी। वहीं, 2006 से लेकर 2010 तक की अवधि के एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि डूबने के मामलों में हर साल इजाफा हो रहा है। इन पांच वर्षों में ऐसे 514 मामले पेश आए थे, जिनमें 377 पुरुषों और 131 महिलाओं सहित कुल 508 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से अधिकतर मौतें दुर्घटनावश हुई थी जबकि कुछ मामलों में पुरुषों व महिलाओं ने पानी में कूद कर आत्महत्या कर ली थी। सबसे अधिक घटनाएं जिला मंडी, कांगड़ा, सिरमौर, कुल्लू , बिलासपुर और ऊना में ही सामने आ रही हैं।