पुलिस महानिदेशक ने जिलों के एसपी को दिए लक्ष्य पूरा करने के निर्देश, प्रदेश में 2030 तक कम होंगे 50 फीसदी हादसे
शिमला: पिछले कई दशकों से भारतवर्ष में रोड की संरचना कई गुना बढ़ी है और वाहनों की संख्या में भी हर वर्ष 11 प्रतिशत वृद्धि होती है। भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अन्य राजमार्गों को अत्याधुनिक इंजीनियरिंग मापदंडों से तैयार किया जा रहा है एवं ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग को आधुनिक तकनीक से तैयार किया जा रहा है। इसके बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिमाचल प्रदेश एवं भारतवर्ष में हर वर्ष सडक़ दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में संकल्प पत्र में घोषणा की है कि वैश्विक सडक़ सुरक्षा में सुधार को अपनाया जाए, जिसमें सडक़ सुरक्षा दशक 2030 तक सडक़ सुरक्षा व मौतों में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
हिमाचल प्रदेश पुलिस इस संकल्प को परिपूर्ण करने के लिए कृत संकल्प है। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू द्वारा सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में संकल्प पत्र में घोषणा के लक्ष्य को परिपूर्ण करने के लिए अथक प्रयास करें। पुलिस मुख्यालय में उच्च अधिकारियों द्वारा निरंतर यातायात दुर्घटना के आंकड़ों पर मंथन किया जाता है तथा इसका विस्तृत विश्लेषण किया जाता है। वर्ष 2020, 2021 व 2022 के तीन वर्षीय यातायात दुर्घटनाओं का विश्लेषण ट्रैफिक टूरिस्ट एवं रेलवे विभाग द्वारा किया गया। इसमें पाया गया कि इन तीन वर्षों में हिमाचल प्रदेश में 6551 यातायात दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें से 1425 दुर्घटनाएं 10 पुलिस थानों के अंतर्गत हुई हैं, जो कुल दुर्घटनाओं का 21.75 प्रतिशत है। ये थाने हैं सदर ऊना-193, नालागढ़ -173, कुल्लू -154, अंब-141, बद्दी-139, पांवटा साहिब-135, बलह-131, नूरपुर-125, सदर बिलासपुर-125 तथा ठियोग-114, इनके तहत ये यातायात दुर्घटनाए हुई हैं। इन पुलिस थानों में प्रदेश में हुई कुल मौतों की 20.69 फीसदी मौतें हुई हैं, जिनकी संख्या 562 है, जिनमें सदर उन्ना-99,नालागढ़-83, बद्दी -83 अंब -53, कुल्लू-53, नूरपुर-50 ठियोग-44, बलह-40, पांवटा साहिब-36, सदर बिलासपुर-21 हैं। इन 10 थानों के अंतर्गत हुई दुर्घटनाओं में कुल घायल हुए लोगों की संख्या 1947 है, जो प्रदेश में कुल दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों का 19.79 प्रतिशत है। (एचडीएम)