15 अगस्त तक पूरा करना है लक्ष्य, राज्य में 93.05 प्रतिशत परिवारों को जल जीवन मिशन के तहत घरेलू कनेक्शन

15 अगस्त तक पूरा करना है लक्ष्य

Update: 2022-07-03 17:29 GMT
शिमला: हिमाचल सरकार ने प्रदेश के हर घर नल का 93.05 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया है. प्रदेश सरकार को 15 अगस्त तक शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करना है. जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार समय से काफी पहले लक्ष्य पूरा कर लेगी. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत हिमाचल प्रदेश के चार जिलों ऊना, चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति के हर परिवार को क्रियाशील नल कनेक्शन प्रदान करने का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के साथ ही राज्य में अब तक 93.05 प्रतिशत परिवारों को इस मिशन के तहत क्रियाशील घरेलू कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान किए जा चुके हैं.
चार जिलों में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल: क्रियाशील नल कनेक्शन प्रदान करने का शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वाले राज्य के चार जिलों में लाहौल स्पीति, ऊना, किन्नौर और चंबा शामिल हैं. प्रदेश के 24 खंडों, 2331 ग्राम पंचायतों और 14,661 गांवों को जल जीवन मिशन के तहत अब तक पूरी तरह से कवर किया जा चुका है. राज्य में पिछले अढ़ाई वर्षो के दौरान 8.44 लाख घरों को नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं जबकि पिछले 72 वर्षों के दौरान केवल 7.63 लाख घरों में ही नल कनेक्शन प्रदान किए गए थे.
4418.37 करोड़ रुपये की राशि आवंटित: मिशन के अन्तर्गत भारत (Himachal under Jal Jeevan Mission) सरकार की ओर से राज्य को अब तक 1,028.43 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि सहित कुल 4418.37 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
किन्नौर में 22763 घरों को जलापूर्ति: जनजातीय जिला किन्नौर में 22763 घरों वाली 411 बस्तियों को जलापूर्ति की गई है. जिला में जेजेएम के तहत 219 योजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई थी, जिसमें से 155 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 183 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की 55 योजनाओं का कार्य प्रगति पर है.
लाहौल स्पीति जिले में 7284 घरों में जलापूर्ति: लाहौल स्पीति जिला में 7284 घरों वाली 364 बस्तियों को जलापूर्ति की गई है. जिले में जेजेएम के तहत 7 योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है. जिला में जेजेएम के तहत निष्पादित किए जा रहे कार्यों की कुल अनुमानित लागत 122 करोड़ रुपये है.
आकांक्षी जिला चंबा में शत-प्रतिशत कवरेज: चंबा जिला को नीति आयोग द्वारा एक आकांक्षी जिले के रूप में चुना गया है. इस जिले के जनजातीय उप-मंडलों पांगी और भरमौर सहित जिला में 420 करोड़ रुपये लागत की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. चंबा में 265 योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं. जिला के सभी 121752 घरों में क्रियाशील नल कनेक्शन प्रदान कर 100 प्रतिशत कवरेज के लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है. जेजेएम के अन्तर्गत इस जिला में योजना के स्रोत चयन, योजनाओं के निष्पादन, फील्ड जल परीक्षण में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है, जिसके लिए भारत सरकार द्वारा जिले की सराहना की गई है.
ऊना जिले में भी लक्ष्य हासिल: ऊना जिला में भी जेजेएम के तहत 196 करोड़ रुपये लागत की 15 योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है. जिले में जेजेएम के अन्तर्गत सभी 115949 घरों में क्रियाशील नल कनेक्शन प्रदान करने का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है.
देश के सबसे ऊंचे गांव में पहुंचा पानी: स्पीति घाटी में समुद्र तल से 15,256 फीट की ऊंचाई और भारत-चीन सीमा से 10 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव टशीगंग में भी क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन प्रदान कर पानी पहुंचाया गया है. प्रदेश का यह गांव भारत में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित है.
पेयजल की मात्रा व गुणवत्ता में भी हिमाचल सर्वश्रेष्ठ: भारत सरकार की निरीक्षण एजेंसी द्वारा वर्ष 2020-21 के दौरान किए गए आकलन में विभिन्न राज्यों में उपभोक्ता स्तर पर उपलब्ध पेयजल की मात्रा और गुणवत्ता की विभिन्न मापदंडों पर जांच की गई, जिसमें हिमाचल प्रदेश को समग्र कार्यक्षमता में सर्वश्रेष्ठ आंका गया है. राज्य देशभर में अग्रणी है और प्रदेश का समग्र प्रदर्शन उन राज्यों से भी बेहतर है, जिनका नल उपलब्ध करवाने का प्रतिशत हिमाचल प्रदेश से अधिक है.
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