हिमाचल हाई कोर्ट को राज्य सरकार ने दिलाया भरोसा, बंद नहीं होंगी दिव्यांगों की सुविधाएं

प्रदेश हाई कोर्ट को दिव्यांग छात्रों की आवासीय सुविधाएं बंद करने से जुड़े मामले में राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया कि शिमला के पोर्टमोर बालिका विद्यालय एवं नाहन, नगरोटा बगवां और जोगिंदरनगर स्थित बालकों के आवासीय विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों को मिल रही मुफ्त शिक्षा और होस्टल में रहने-खाने की सुविधा को बंद नहीं किया जाएगा।

Update: 2022-09-02 04:05 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश हाई कोर्ट को दिव्यांग छात्रों की आवासीय सुविधाएं बंद करने से जुड़े मामले में राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया कि शिमला के पोर्टमोर बालिका विद्यालय एवं नाहन, नगरोटा बगवां और जोगिंदरनगर स्थित बालकों के आवासीय विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों को मिल रही मुफ्त शिक्षा और होस्टल में रहने-खाने की सुविधा को बंद नहीं किया जाएगा। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव द्वारा मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर स्वत संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश एए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार के मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिवए सामाजिक कल्याण विभाग के निदेशक और समग्र शिक्षा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।

केंद्र सरकार द्वारा इन दिव्यांग बच्चों की ग्रांट बंद कर दिए जाने के बाद इन स्कूलों से दिव्यांग बच्चों को हटाने के लिए राज्य सरकार ने प्रिंसीपल्स को आदेश जारी कर दिए थे। सरकार के आदेश से चारों स्कूलों के लगभग 47 दिव्यांग बच्चे प्रभावित हो रहे थे। प्रार्थी ने मुख्य न्यायाधीश को प्रेषित पत्र में कहा था कि शिमला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बालिका स्कूल पोर्टमोर में 11 दिव्यांग बालिकाएं पढ़ रही हैं। इसके अतिरिक्त नाहन, नगरोटा बगवां और जोगिंदरनगर में बालकों के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में होस्टल एवं पढ़ाई की सुविधा अनेक दिव्यांग बच्चों को मुफ्त मिल रही है।
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