Shimla. शिमला। ट्रैफिक टूरिस्ट एवं रेलवे पुलिस मुख्यालय में प्रदेश के जिलों के दूरदराज के क्षेत्रों में सडक़ यातायात दुर्घटनाओं के बारे में समय-समय पर सर्वेक्षण किया जा रहा है। ट्रैफिक टूरिस्ट एवं रेलवे पुलिस एआईजी विनोद कुमार ने बताया कि सडक़ दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों की पहचान करने के लिए टैक्सी चालकों, भारी वाहन चालकों और निजी वाहन चालकों से भी वार्तालाप किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में पाया गया कि दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों में पाया गया है कि कई पर्यटक टैक्सी और बाइक सहित अपने स्वयं के वाहनों में इन क्षेत्रों का दौरा करते हैं, लेकिन पहाड़ी इलाकों में ड्राइविंग के अनुभव की कमी होती है। इससे संकीर्ण और अंधे मोड़ों पर चलते हुए चुनौतियां पैदा होती हैं। इन क्षेत्रों में ड्राइवरों के बीच शराब के सेवन की उच्च दर देखी गई। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करने और ड्रोन कैमरे का उपयोग करके सर्वेक्षण किया गया।
पुलिस प्रदेशभर में विभिन्न जगहों पर नाकेबंदी के दौरान साल 2024 में ड्रंक एंड ड्राइव के 13165 चालान किए हैं। पुलिस ने प्रदेश में ड्रंक एंड ड्राइव के मामलों में 3391 वाहन चालकों के लाइसेंसों के निलंबन की सिफारिशें भेजी हंै। प्रदेश में सडक़ सुरक्षा बढ़ाने के सक्रिय प्रयास में हिमाचल प्रदेश पुलिस यातायात, पर्यटक और रेलवे मुख्यालय सडक़ यातायात दुर्घटनाओं, उल्लंघनों, मौतों की निगरानी और प्रबंधन के लिए वास्तविक समय डाटा विश्लेषण का उपयोग कर रहा है। एआईजी टीटीआर विनोद कुमार ने कहा कि टीटीआर मुख्यालय में एक समर्पित टीम 24 घंटे काम करती है। सडक़ दुर्घटनाओं के पैटर्न और कारणों की पहचान करने के लिए 24 घंटे सात दिन ट्रैफिक डाटा का विश्लेषण करती है। ट्रैफिक टूरिस्ट एवं रेलवे पुलिस के विश्लेषणों में खुलासा हुआ है कि लापरवाही से गाड़ी चलाने, तेज गति से गाड़ी चलाने और नशे में गाड़ी चलाने के कारण काफी संख्या में दुर्घटनाएं हुई हैं।