शिमला बनेगा जी 20 शिखर सम्मेलन का हिस्सा, राष्ट्राध्यक्ष नहीं उनके प्रतिनिधि ही आएंगे हिमाचल

वर्ष 2023 में प्रस्तावित जी 20 शिखर सम्मेलन की एक बैठक शिमला में भी होनी प्रस्तावित है।

Update: 2022-05-06 03:35 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वर्ष 2023 में प्रस्तावित जी 20 शिखर सम्मेलन की एक बैठक शिमला में भी होनी प्रस्तावित है। अगले साल इस सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है। इस शिखर सम्मेलन में 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अन्य गण्यमान्य प्रतिनिधि आएंगे। सम्मेलन से जुड़ी एक बैठक शिमला में भी होनी प्रस्तावित है। हालांकि शिमला में संभावित बैठक में जी 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष नहीं, बल्कि उनके प्रतिनिधि ही आएंगे। इस संबंध में उपायुक्त शिमला के साथ भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई। उसमें शिमला में इस बैठक को रखे जाने की परिस्थितियों पर चर्चा हुई। वर्ष 2023 में प्रस्तावित जी 20 शिखर सम्मेलन की कड़ी में शिमला में भी यह महत्वपूर्ण बैठक होगी।

इसको लेकर उपायुक्त कार्यालय में गुरुवार को बैठक का आयोजन किया गया। सम्मेलन के आयोजन के लिए व्यवस्थाओं का मूल्यांकन करने आए प्रतिनिधिमंडल के साथ अधिकारियों ने विस्तृत चर्चा की। उपायुक्त आदित्य नेगी ने बताया कि वर्ष 2023 में जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है। शिखर सम्मेलन के दौरान देश के हर राज्य के साथ-साथ हर एक प्रमुख शहर को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। इस संबंध में शिखर सम्मेलन की एक बैठक शिमला में आयोजित करने के लिए मूल्यांकन करना वीरवार को हुई बैठक का मुख्य उद्देश्य था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। उपायुक्त ने विदेश मंत्रालय की टीम को आश्वस्त किया कि शिमला में सम्मेलन की बैठक के लिए जरूरी बिंदुओं को पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। बैठक में विदेश मंत्रालय से अशोक शर्मा, अमित वर्मा ने शिरकत की।
जी 20 में ये देश हैं शामिल
जी20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
जी20 की यह है ताकत
जी20 विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों और यूरोपीय संघ को साथ लाता है। इसके सदस्य देशों को विश्व की कुल जीडीपी में 80 फीसदी योगदान है, जबकि विश्व व्यापार में इनका 75 फीसदी और विश्व की कुल आबादी में 60 फीसदी हिस्सेदारी है।
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