सिरमौर के गिरिपार में ऐसा संगम देख खड़े हो जाते हैं रोंगटे

Update: 2023-08-25 11:27 GMT
नौहराधार: जिला सिरमौर का गिरिपार क्षेत्र अपनी अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। ऐसी परंपरा शुक्रवार को चाढऩा गांव में देखने को मिली, जहां मंत्रोच्चारण व विजट महाराज के जयकारों के साथ वर्षों से चला आ रहा शांद पर्व मनाया गया व विधि-विधान के साथ यह तीन दिवसीय शांद पर्व शुक्रवार को संपन्न हुआ।
यहां शुक्रवार को क्षेत्र की करीब 10 से 12 पंचायतों के सैकड़ों लोगों ने अनुष्ठान में भाग लेकर अपने आराध्य विजट महाराज का आशीर्वाद लिया। सुबह 7 बजे से ही आसपास के गांव से लोगों के पहुंचने से चाढऩा गांव में चहल पहल शुरू हो गई थी। पूरा गांव दिनभर विजट महाराज के जयकारों से गुंजयमान रहा। पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर सैकड़ो लोगों ने विजट महाराज का गुणगान करते हुए यह रस्म पूरी की। जब देवता के गूर मंदिर की छत पर आए, तो पारंपरिक धुन व लिंबर लगाकर उनका स्वागत किया गया। देवता के गूर ने आवाज देकर अलग-अलग परगने से आए लोगों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया।
समापन अवसर पर इस धार्मिक अनुष्ठान में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। यहां पर यह पर्व तीन दिन से चला रहा, जिसमें देवता, पूजन, देव आगमन, अंगेठी पूजन, काली पूजन हुआ इस पर्व में इस गांव के लोगों ने अपने दाईचारे के लोगों को व रिश्तेदार को मेहमान के तौर पर बुलाया। इस अवसर पर गांव के लोग एक-दूसरे की संस्कृति के बारे में जानकारी साझा करते हैं। शांद पर्व में दो दिन बारिश लगी रही, मगर आस्था की डोर में बंधे श्रद्धालु खराब मौसम में भी विजट महाराज का जयकारा लगाते रहे और देवता के गण अठखेलियां करते रहे। यहां के कुल देवता विजट महाराज पर्व के अवसर पर जिला सिरमौर के अलावा अन्य जिलों से भी श्रद्धालुओं ने शिरकत की। गौरतलब है कि यह महायज्ञ कई पीढिय़ों से चाढऩा में तीन वर्षों के बाद होता है। शांद पर्व में विजट महाराज के समस्त अनुयायी और विभिन्न क्षेत्रों के लोग अपनी उपस्थति दर्ज करवाते हैं। यहां पर देवताओं के कारिंदे ऐसी कलाएं दिखाते हैं, जिसे देख हर एक व्यक्ति के रोंगटे खड़े हो जाते हंै।
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