Himachal Pradesh,हिमाचल प्रदेश: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा कि कुल 72 मेगावाट क्षमता की सात सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं, जो इसी माह आवंटित कर दी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा’ बनाने की दिशा में कई कदम उठा रही है, ताकि राज्य के पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचे। सुक्खू ने कहा कि इसके अलावा 325 मेगावाट की आठ परियोजनाओं की स्थापना के लिए सर्वेक्षण और जांच चल रही है। उन्होंने कहा, “यह पहली बार है कि राज्य सरकार राज्य की 200 पंचायतों को ‘हरित पंचायत’ के रूप में विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जिसमें 200 केवी ग्राउंड माउंटेड सौर संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।” उन्होंने कहा कि इन सौर संयंत्रों से होने वाली आय को पंचायत के विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा।
सुक्खू ने कहा कि सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऊना जिले में 32 मेगावाट पेखूबेला सौर ऊर्जा परियोजना 15 अप्रैल, 2024 को जनता को समर्पित की गई है तथा साढ़े छह माह में 34.19 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है, जिससे 10.16 करोड़ रुपये की आय हुई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ऊना जिले के भंजाल में 5 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना 30 नवंबर, 2024 को शुरू हो गई है, जबकि 10 मेगावाट की अघलौर सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण कार्य इसी माह पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा के दोहन से जहां पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, वहीं कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा के स्रोत अक्षय होते हैं तथा समाप्त नहीं होते, जिससे भावी पीढ़ियों को ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित होती है तथा जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सुक्खू ने कहा कि संपीड़ित बायोगैस के दो टन प्रतिदिन क्षमता वाले प्लांट की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार कर ली गई है। इसके अलावा, राज्य के बाल एवं बालिका आश्रमों, वृद्धा आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सौर संयंत्र और जल तापन प्रणाली स्थापित की जाएंगी।