बड़ी खुशखबर, 1000 करोड़ रुपये का बल्क ड्रग पार्क मंजूर

Update: 2022-08-30 15:59 GMT
करीब डेढ़ साल के इंतजार के बाद हिमाचल प्रदेश को बल्क ड्रग पार्क स्वीकृत हुआ। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कुल्लू जिला के आनी में आयोजित एक जनसभा में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उन्हें भारत सरकार से बल्क ड्रग पार्क स्वीकृत होने की जानकारी प्राप्त हुई है। इस संबंध में औपचारिक फोन आया है। इस संबंध में प्रदेश मुख्य सचिव आरडी धीमान ने कहा कि प्रदेश को 1000 करोड़ का बल्क ड्रग्स पार्क स्वीकृत हुआ है। बल्क ड्रग्स पार्क को लेकर हिमाचल ने सभी शर्तों को पूरा किया है। हिमाचल बल्क ड्रग पार्क को लेकर बड़े राज्यों के साथ सभी पैरामीटर में शीर्ष पर रहा।
बल्क ड्रग्स या API क्या है?
बल्क ड्रग, जिन्हें सक्रिय दवा सामग्री भी कहा जाता है, किसी दवा या ड्रग के प्रमुख घटक होते हैं, जो दवा या ड्रग को वांछित चिकित्सीय प्रभाव देते हैं। प्रत्येक दवा दो मुख्य अवयवों से बनी होती है। इसमें से एक अवयव है रासायनिक रूप से सक्रिय API तथा दूसरा अवयव रासायनिक रूप से निष्क्रिय घटक होता है। यह एक ऐसा पदार्थ है जो API के प्रभाव को शरीर के किसी हिस्से या किसी प्रणाली में पहुंचाता है। इन दोनों अवयवों को मिला कर ही किसी औषधि का फार्मूला तैयार किया जाता है। API एक रासायनिक यौगिक है, जो किसी दवा को अंतिम रूप से उत्पादित करने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण कच्चा माल माना जाता है।
चिकित्सा क्षेत्र में, API ही किसी बीमारी को ठीक करने के लिए आवश्यक प्रभाव उत्पन्न करता है। उदाहरण के तौर पर पैरासिटामाल, क्रोसिन के लिए एक API है और यह पैरासिटामाल API ही शरीर में दर्द और बुखार से राहत देता है, जबकि एमजी किसी दवा में उपस्थित सक्रिय औषधीय अवयव (API) की मात्रा प्रदर्शित करती है जैसे- क्रोसिन 450 एमजी का अर्थ है कि इस टेबलेट में 450 एमजी सक्रिय औषधीय अवयव है।
फिक्स्ड-डोज कंबीनेशन ड्रग्स (औषधि) विभिन्न API का उपयोग करते हैं, जबकि क्रोसिन जैसी सिंगल-डोज ड्रग्स सिर्फ एक API का उपयोग करती हैं। बुनियादी कच्चा माल या प्राथमिक रसायन जो API बनाने के लिए विभिन्न अभिक्रियाओं से गुजरते हैं उन्हें प्रमुख प्रारंभिक सामग्री या केएसएम कहा जाता है।
इन अभिक्रियाओं के दौरान मध्यवर्ती चरणों में बनने वाले रासायनिक यौगिकों को दवा मध्यवर्ती या DI कहा जाता है।
भारत बल्क ड्रग पार्क को क्यों बढ़ावा दे रहा है?
भारत में दुनिया के सबसे बड़े फार्मास्युटिकल उद्योगों में से एक है, लेकिन यह उद्योग API, DIएस. और केएसएम के आयात के लिए बड़े पैमाने पर अन्य देशों, विशेष रूप से चीन पर निर्भर है। दवा निर्माताओं को आयात में लगातार आ रहे व्यवधानों के कारण बार-बार दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पहले लाकडाउन के कारण चीन में फैक्ट्रियां बंद हो गईं फिर पूरे विश्व में महामारी फैलने के बाद अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला भी बुरी तरह से प्रभावित हो गई। भारत और चीन के बीच सीमा संघर्ष ने व्यापार समीकरणों को और खराब कर दिया।
बल्क पार्क क्या प्रदान करता है?
बल्क ड्रग पार्क में API, DI, या केएसएम के अनन्य निर्माण के लिए सामान्य अवस्थापना सुविधाओं के साथ भूमि का एक निर्दिष्ट सन्निहित क्षेत्र होगा और एक सामान्य अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली भी होगी। इन पार्कों से देश में थोक दवाओं की विनिर्माण लागत में कमी आने और घरेलू बल्क ड्रग उद्योग में प्रतिस्पर्धा बढऩे की उम्मीद है।
हिमाचल ही क्यों?
हिमाचल में पहले से ही एशिया का सबसे बड़ा फार्मा मैन्युफैक्चरिंग हब बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र है और यह राज्य भारत की कुल दवा निर्माण का लगभग आधा हिस्सा उत्पादित करता है। हिमाचल प्रदेश, देश में सबसे कम दरों पर बिजली और पानी प्रदान करता है और यहां एक औद्योगिक गैस पाइपलाइन भी है।
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