सीएम सुखविंदर सुक्खू बोले, एमएलए बताएं, प्रदेश को कर्ज के दलदल से कैसे निकालें

Update: 2025-02-04 11:05 GMT
Shimla. शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वार्षिक बजट 2025-26 के लिए विधायकों की प्राथमिकताओं को निर्धारित करने के लिए पहले दिन के दूसरे सत्र की अध्यक्षता की। सत्र के दौरान जिला सोलन, चंबा, बिलासपुर तथा लाहुल स्पीति के विधायकों ने अपनी प्राथमिकताएं प्रस्तुत कीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांव में रहती है तथा राज्य सरकार गांव के लोगों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए योजनाएं बना रही है। उन्होंने कहा कि समय के साथ बदलाव जरूरी होता है। व्यवस्था में बेहतरी के लिए नियमों में बदलाव किया जा रहा है, ताकि प्रदेश आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश को कर्ज की दलदल से बाहर निकालने के लिए हिमाचल को आत्मनिर्भर बनना होगा, जिसके लिए नए सुझावों का स्वागत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां दूध पर समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गाय का दूध 45 रुपए तथा भैंस का दूध 55 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा
जा रहा है।


उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्की को 30 रुपए तथा गेहूं 40 रुपए प्रतिकिलो की दर से खरीदा जा रहा है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने प्राकृतिक रूप से उत्पादित मक्की से तैयार हिमभोग आटा भी बाजार में उतारा है। सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वयं सहायता समूह से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट आरंभ की है, ताकि उनकी आर्थिकी को और सुदृढ़ किया जा सके। सीएम सुक्खू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विधायक प्राथमिकता की डीपीआर तैयार करते समय फोरेस्ट क्लिरेंयस तथा गिफ्ट डीड आदि औपचारिकताओं को पूर्ण करने में अधिमान दें, ताकि परियोजनाओं का कार्य समय पर आरंभ किया जा सके। उन्होंने कहा कि औपचारिकताओं को पूर्ण करने में कोताही बरतने पर अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, स्वास्थ्य मंत्री डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने भी चर्चा में भाग लिया और अपने सुझाव दिए। इस अवसर पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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