हरियाणा: 7 हजार से ज्यादा छात्र देंगे सुपर-100 बैच की परीक्षा, यहां देखें शेड्यूल

7 हजार से ज्यादा छात्र देंगे सुपर-100 बैच की परीक्षा

Update: 2022-06-01 08:51 GMT
चंडीगढ़: हरियाणा में सुपर-100 बैच 2022-24 के लिए छात्रों के सिलेक्शन के लिए लेवल वन परीक्षा का शेड्यूल जारी कर दिया गया (Super 100 Batch Examination In Haryana) है. ये परीक्षा आगामी 4 जून को होगी. शिक्षा विभाग की ओर से परीक्षा के शेड्यूल जारी कर दिए गए है. छात्र सुबह 11:00 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक एग्जाम दे सकेंगे. ज्यादा संख्या को देखते हुए करनाल में 3 और जींद में 2 परीक्षा केंद्र बनेंगे. अब तक कुल प्रदेशभर से कुल 7543 छात्रों ने एग्जाम के लिए आवेदन किया है.
शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए दिशानिर्देश के मुताबिक सभी पर्यवेक्षकों को उनके प्रस्थान स्थान से रेवाड़ी तक आने जाने के लिए सरकारी वाहन, निजी वाहन टैक्सी की सुविधा प्रदान की गई है. वहीं एडमिट कार्ड डाउनलोड किए जाने के संदर्भ में विद्यार्थियों ने जिस लिंक पर रजिस्ट्रेशन किया है उसी लिंक से 2 जून से 3 जून तक एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं. इसके साथ ही अगर कोई भी छात्र पूर्व में रजिस्टर्ड की गई जानकारी में कुछ एडिट करना चाहते हैं तो 2 जून से 3 जून तक कर सकता है.

इसके अलावा जिस स्कूल परीक्षा का सेंटर पड़ेगा उस स्कूल के प्रिंसिपल अधीक्षक होंगे. इसके लिए उन्हें 2 से 3 जून तक प्रश्न पत्र व ओएमआर सीट्स के सील्ड पैकेट, वैंडर द्वारा उपलब्ध करवा दिये जाएंगे. परीक्षा अधीक्षक द्वारा परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए अपने ही स्कूल में काम करने वाले अध्यापक-अध्यापिकाओं की बतौर इंविजीलेटर नियुक्ति की जाएगी. परीक्षा के समय कम से कम एक महिला टीचर की ड्यूटी होना आवश्यक है.
क्या है सुपर-100 प्रोग्राम- दरअसल, बिहार के सुपर-30 की तर्ज पर हरियाणा सरकार ने सुपर-100 की शुरूआत की थी. सुपर-100 प्रोग्राम के तहत छात्रों के चयन के लिए 2018 में पहली बार प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षा का आयोजन हुआ था. सुपर-100 प्रोग्राम के तहत पढ़ाई के लिए सरकारी स्कूल के छात्र- छात्राओं के 10वीं में कम से कम 80 फीसदी अंक होने चाहिए. इसके बाद छात्रों को एक टेस्ट देना पड़ता है. इस टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर सुपर-100 के लिए छात्रों का चयन होता है. सुपर-100 प्रोग्राम के तहत दो साल तक छात्रों के रहने, खाने-पीने, हॉस्टल और किताबों की व्यवस्था सरकार की ओर से की जाती है. इस योजना का मकसद छात्रों को उच्च शिक्षा जैसे मेडिकल, इंजीनियरिंग के लिए तैयार हो सकें और जेईई, नीट जैसी परीक्षाओं के लिए तैयार हो सकें.
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