पंजाब में सीएम चेहरे पर AAP के 'जाल' में नहीं फंसेगी कांग्रेस,CM उम्मीदवार के एलान का फिलहाल कोई इरादा नहीं

पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के दांव से कांग्रेस पर भी ऐसा करने का दबाव बढ़ने लगा है।

Update: 2022-01-18 17:08 GMT

संजय मिश्र। पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के दांव से कांग्रेस पर भी ऐसा करने का दबाव बढ़ने लगा है। प्रदेश की सियासत में मुख्यमंत्री चरणजीत स‍िंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनने की प्रतिस्पर्धा में सियासी संतुलन कायम रखना चुनौती है। कांग्रेस के लिए चेहरे का एलान आसान नहीं है, इसीलिए कांग्रेस ने भगवंत मान का चेहरा आगे करने के आप के दांव पर यह कहकर तंज किया कि खुद के कराए ओपिनियन पोल के कोई मायने नहीं है और असल में पंजाब की जनता 20 फरवरी को इसका फैसला करेगी। पार्टी के इस रुख से साफ है कि कांग्रेस मुख्यमंत्री के चेहरे पर फैसला चुनाव बाद करने के अपने रुख पर कायम है। कांग्रेस का मानना है कि मुख्यमंत्री चन्नी के सधे हुए कदमों और सियासी सूझबूझ के बाद सिद्धू ने भी हाल के दिनों में अपने रुख में नरमी दिखाई है। इसकी वजह से पार्टी का चुनावी अभियान लगभग ट्रैक पर आ गया है। यह किसी से छिपा नहीं है कि मुख्यमंत्री चन्नी ने चार महीने में ही अपनी पकड़ के जरिये अपनी दावेदारी को मजबूती दी है तो सिद्धू की पूरी सियासत ही पंजाब का कप्तान बनने पर केंद्रित है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, आप ने चन्नी और सिद्धू के बीच नेतृत्व की अंदरूनी जंग को बाहर लाने के मकसद से ही मान को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया है। ताकि कांग्रेस पर भी अपना चेहरा घोषित करने का दबाव बनाया जा सके। आप के इस दांव में फंसने से सिद्धू और चन्नी के बीच संतुलन बनाए रखना टेढ़ी खीर होगी।

चुनाव अभियान के बीच अगर कांग्रेस में अंदरूनी उठापटक होती है तो इसका सीधा फायदा आप को मिलेगा। आप के इस दांव को बखूबी भांपकर ही कांग्रेस ने मान के एलान को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की रणनीति अपनाई है।कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने आप की घोषणा पर तंज कसते हुए कहा कि किसने वोट डाला, कौन आयोग था और किसने इन वोटों की गिनती की, आप अपने घर में कुछ भी लिख लीजिए, इसके मायने क्या हैं। सुरजेवाला ने यह भी कहा कि यह पंजाब की जनता के विवेक और बुद्धिमता का अपमान है, क्या केजरीवाल यह जानते नहीं कि 20 फरवरी को वोट पड़ेंगे जिसमें लोग निर्णय करेंगे कि पंजाब की अगुआई कौन करेगा।-



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