'दयावान' बनने की राह पर राजधानी का डॉन रवि साहू

Update: 2021-08-04 05:14 GMT

अधिकारियों और मातहतों को उपकृत कर जमाया अवैध कारोबार

डॉन ने शहर में बनाया खाईवालों का चक्रव्यूह

रवि साहू की गैंग में नए सदस्यों को जोड़ा गया है, ये ऐसे हिस्ट्रीशीटर है जो जेल से जमानत में या पैरोल में छूटे हुए है उन आरोपियों को गैंग में शामिल किया गया है। और अपने सट्टे के कारोबार में रवि साहू ने इजाफा भी किया है। पुलिस और अपराधियों की लुकाछिपी का खेल सालों से चला आ रहा है। शहर में सदर बाजार, पंडरी बस स्टैंड, नेशनल हाइवे, सब्जी मार्केट, कालीबाड़ी, नेहरू नगर, गाँधी नगर, बैरन बाजार, छत्तीसगढ़ कॉलेज के पास और चौक चौराहे में स्थित कई जनरल स्टोर्स, नाई व पान दुकानों में सट्टे लिखवाने वालों भीड़ देखी जा सकती है। खाईवालों के चक्रव्यूह में लोग इस कदर फंस चुके हैं की इससे उबर नहींं पा रहे हैं। शहर में एक दो नही बल्कि चार खाईवाल लंबे समय से सट्टा संचालित कर रहे हैं। छुटभैय्या नेताओं और खाईवालों की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार शहर सहित आस-पास के आउटर इलाकों में पुरी तरह से चरम पर है।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। मुंबई की गैंगस्टरों की तर्ज पर राजधानी का डॉन रवि साहू भी अब दयावान बनने की राह पर है। छुटभैय्या नेताओं के साथ बड़े अधिकारयों के मातहतों को उपकृत करके वह सरकारी तंत्र में भी अपना घुसपैठ बना रहा है ताकि उसके अवैध कारोबार बिना किसी बाधा के निरंतर बढ़ता रहे, और वो उसके गुर्गे किसी भी तरह की कार्रवाई से बचे रहे।

डॉन बन रहा दयावान

राजधानी का डॉन रवि साहू अब मुंबई के बड़े गैंगस्टरों की तर्ज पर दयावान बनने लगा है, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डॉन रवि साहू ने रायपुर के बड़े अधिकारियों के सुरक्षागार्ड व उनके परिजनों और अधिकारियों के नौकरों को भी तीर्थं यात्रा करने वैष्णव देवी और अजमेर की यात्रा कराई है, डॉन रवि साहू ने अब एक नया ही तरीका आपना लिया है। अब डॉन ने अपनी पकड़ बनाने के लिए सरकारी अधिकारियों के घर में घुसपैठ करने की कोशिश की और उनके सुरक्षागार्डों को तीर्थयात्रा करवाकर खुद को दयावान बनाने में लग गया।

तथाकथित पत्रकार भी दारू, मटन का शौक पूरा कर रहे

दयावान डॉन रवि साहू व उसके गुर्गों के माध्यम से कुछ अवसरवादी असामाजिक तत्व प्रेस व प्रेस क्लब की आड़ में अपनी दारू व चिकन-मटन का शौक भी पूरा कर रहे है, और ये बाकायदा आश्वस्त भी करते है कि उनके काले कारनामे मीडिया के हेडिंग नहीं बनेंगे और भरोसा दिलाते हैं कि उनकी खबर किसी भी अखबार नहीं छपेगी।

छुटभैय्या नेताओं की पकड़ पुलिस से ज्यादा

डॉन रवि साहू को संरक्षित करने वाले उसके छुटभैय्या नेताओं की पकड़ पुलिस से कई ज्यादा होती है, अगर कभी किसी अधिकारी का दबाव बनता भी है और रवि की ठेक पर कोई पुलिस वाले कार्रवाई करते भी है तो ऐसे छुटभैय्या नेता उन्हें छुड़ाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा देते है। पुलिस को गुंडे-बदमाशों के साथ सटोरियों और जुआरियों का फड़ लगाने वालों के साथ इन्हें संरक्षण देने वाले छुटभैया नेताओं से रोज जूझना पड़ता है। सारे अवैध कारोबार के पीछे राजनीतिक संरक्षण देने वालों का हाथ है, जिसके कारण राजधानी में सट्टा-जुआ और नशे के कारोबारियों पर हाथ डालते ही राजनीतिक दबाव बनना शुरू हो जाता है। पुलिस अपराध नियंत्रण करने के लिए तरह-तरह के प्रयोग करने के साथ जागरूकता अभियान भी चला कर देख चुकी है। लेकिन अवैध कारोबार की चुनौती कम नहीं हो रही। अवैध कारोबार में राजनीतिक संरक्षण ही पुलिस के काम में सबसे बड़ा बाधक है। राजधानी में अवैध कारोबार नशीली दवाई गांजा, चरस, सिरप के साथ सट्टा-जुआ ने सुनामी की तरह चपेट में ले लिया है।

डॉन रवि साहू के गुर्गे सक्रिय

शहर खुलेआम सट्टा और जुआ का खेल चल रहा है। शाम होते ही सट्टा लगना शुरू हो जाता है और देर रात तक चलता है। खुलेआम चले रहे इस कारोबार पर न तो पुलिस की नजर है और ना ही वह इस पर लगाम कसने का प्रयास कर रहे हैं। यही वजह है कि यह कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। राजधानी का नामी सटोरिया जो कालीबाड़ी, नेहरू नगर, गाँधी नगर में अपना सट्टा कारोबार फैलाए हुए है। जिसकी वजह से रवि अभी शहर के बाहर घूम रहा है। मगर उसके गुर्गे शहर में उसकी कुर्सी के आड़ में उसके गुर्गे अपना कारोबार शुरू कर दिए है। वही रवि के गुर्गों ने अपना कारोबार चालू किया और उसके नाम का फायदा उठाते हुए नए गुर्गों को भी अपने धंधे में धमिल कर लिया है।

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