हाईकोर्ट ने SP को दिए निर्देश, मां का अंतिम संस्कार करने बेटे को दें पुलिस सुरक्षा

छग

Update: 2024-07-02 08:42 GMT

बिलासपुर  bilaspur news । छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट chhattisgarh high court ने बस्तर पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया है कि क्रिश्चियन धर्म अपना चुके एक परिवार की मृत महिला का अंतिम संस्कार उसके परिजनों की इच्छा के अनुरूप उनकी निजी जमीन पर करने के लिए आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराए। बस्तर जिले के एर्राकोट ग्राम के रामलाल कश्यप ने अपने अधिवक्ता प्रवीण तुलस्यान के माध्यम से याचिका दायर कर बताया कि उनकी मां की 28 जून को स्वाभाविक मृत्यु हो गई। इसके बाद वह अपनी भी जमीन पर मां को दफनाना चाहता था लेकिन परपा थाने की पुलिस ने उसे ऐसा करने से रोक दिया और कहा कि शव को वह 15 किलोमीटर दूर कोरकापाल ग्राम में ले जाकर दफन करे, जहां पर एक अलग कब्रिस्तान बनाया गया है। याचिकाकर्ता ऐसा नहीं करना चाहता।

chhattisgarh वह मां के शव को अपनी जमीन पर दफनाना चाहता है। पुलिस के रोक देने के कारण इस समय शव को मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में रखा गया है। अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता को अपनी मां का अंतिम संस्कार सम्मानजनक तरीके से अपनी इच्छा के अनुसार करने का संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने हाई कोर्ट के ही अप्रैल महीने आए बस्तर के छिंदबहार के मृत व्यक्ति के संबंध में दिए गए इसी तरह के एक आदेश का हवाला दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट के मोहम्मद लतीफ विरुद्ध जम्मू कश्मीर के एक आदेश का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता के वकील की ओर से कहा गया कि शव को सम्मानजनक तरीके से परिजनों की इच्छा के अनुसार दफनाने से रोकना संविधान के आर्टिकल 21 का उल्लंघन है। bilaspur

सरकार की ओर से उपस्थित डिप्टी एजी प्रवीण दास ने कहा कि उक्त ग्राम आदिवासी बाहुल्य है जिनकी मान्यता है कि धर्म परिवर्तित कर चुके व्यक्ति का अंतिम संस्कार गांव में करने से, चाहे वह उसी की निजी जमीन क्यों ना हो, गांव में अनिष्ट होता है। शव को गांव में अनुमति देने से विवाद और कानून व्यवस्था संबंधी समस्या पैदा हो सकती है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने इस पर आपत्ति दर्ज की और कहा कि संविधान के प्रावधान के स्थान पर रूढ़िवादी मान्यता को ऊपर नहीं रखा जा सकता। जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला देते हुए मेडिकल कॉलेज जगदलपुर के प्रबंधन से कहा है कि वह तत्काल शव को उसके बेटे के सुपुर्द करे। बस्तर के एसपी से कोर्ट ने कहा है कि वह याचिकाकर्ता को अपनी मां की अंत्येष्टि निजी भूमि पर करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा दै।

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