किसान ने मछली पालन से बदली अपनी किस्मत, कमा रहे लाखों रूपए

Update: 2022-08-19 01:17 GMT

गरियाबंद। विकासखंड छुरा अंतर्गत ग्राम चितामाड़ा के मत्स्य पालक किसान सोहन ठाकुर खेती एवं मजदूरी से सलाना आय लगभग 1 लाख 50 हजार रूपये अर्जित कर लेता था। लेकिन जब से मत्स्य पालन के क्षेत्र में जुड़े हैं तब से उनकी वार्षिक आय में लगभग तीन गुना अर्थात 4 लाख 50 हजार रूपये तक पहुंच गई है। जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगा। जब उन्हें मछली पालन विभाग के अधिकारियों द्वारा नवीन तकनीकी से मछली पालन की विस्तृत जानकारी मिली तब वे मछली पालन के लिए तैयारी की। विभाग द्वारा 0.2 हे. जमीन पर संवर्धन तालाब का निर्माण कराया गया साथ ही स्पान संवर्धन योजना से 25 लाख स्पान मत्स्य बीज, जाल एवं फिश माऊन्ट ग्रोथ प्रमोटर विभाग द्वारा शत प्रतिशत अनुदान पर प्रदान किया गया। तब से मछली पालन को एक व्यवसाय के रूप में अपना कर समृद्धि के द्वार खुलने लगा। वे कहते है कि

मछली पालन क्षेत्र में जुड़ने से हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया। हमारे परिवार में कुल 6 सदस्य हैं। सभी का जीवन केवल कृषि पर निर्भर था। किन्तु मछली पालन के व्यवसाय में जुड़ने से हमारे जीवन में बहुत अधिक सुधार आया। जैसे पूर्व मंे हम परम्परागत पद्धति से मछली पालन करते थे जिससे हमें 0.5 हे. जल क्षेत्र में केवल 25 हजार रूपये सलाना लाभ होता था किन्तु 0.5 हे. तालाब एवं 0.2 हे. संवर्धन पोखर तालाब में नवीन पद्धति से मछली पालन करने से हमारी सलाना आय लगभग 4 लाख 50 हजार रूपये हो गई। घर की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई। आय में वृद्धि होने के पश्चात माता-पिता को स्वयं के विवाह के लिए आर्थिक सहयोग भी देने में सक्षम हुआ। वर्तमान में कतला, रोहू, मृगल, तिलपीया मछली का पालन किया जाता है एवं विभिन्न बाजारों में विक्रय किया जाता है। संवर्धण तालाब जिसका निर्माण मछली पालन विभाग द्वारा कराया गया वह हमारे जीवन के सुधार में प्रमुख पड़ाव साबित हुआ। जिससे हमें अच्छी आय प्राप्त हुआ और स्वयं के व्यय पर 0.4 हे. जमीन पर 03 संवर्धन तालाब का निर्माण करा पाने में सक्षम हुए। अब तक कुल 0.6 हे. क्षेत्र में 04 तालाबों में मत्स्य बीज संचयन का कार्य करते है एवं 0.5 हे. मत्स्य पालन का कार्य करते है।

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