दुर्ग durg news। जिला प्रशासन द्वारा जल संरक्षण water conservation के लिए जिले में 05 से 13 जुलाई तक जल मड़ई सप्ताह मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में आज Dhamdha development block धमधा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत हसदा के शासकीय प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक शाला में Collector Richa Prakash Choudhary कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में जल मड़ई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जल मड़ई के अंतर्गत पौधरोपण के साथ ही जल संरक्षण के प्रति जनसामान्य में जागरूकता लाने के लिए कार्य किया जा रहा है। जल है तो कल है, क्योंकि पानी के बिना पृथ्वी पर किसी का भी जीवित रहना असंभव है। पानी व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि इसके बिना कई गतिविधियाँ पूरी नहीं की जा सकतीं। फिर भी व्यक्ति इसे बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। जल हम बना नही सकते, लेकिन बचा तो सकते हैं। जल और वृक्ष जीवन का अमूल्य आधार है।
जल मड़ई कार्यक्रम में महिलाएं एवं स्कूल के नन्हे-मुन्हे बच्चों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। जल प्रहरी श्री नीरज वानखेड़े द्वारा जल सरंक्षण की दिशा में जल को सहेजने हेतु सोकपीट रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आदि को मॉडल का उपयोग कर एवं खेल के जरिए बताया कि जल संरक्षण का भविष्य सिर्फ़ हमारे हाथों में ही है। वीडियो के माध्यम से ग्रामीणों को जल संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई।
कलेक्टर चौधरी ने कहा कि जल मड़ई का उद्देश्य पानी की बर्बादी को कम करना और उसके कुशल उपयोग को बढ़ावा देना है। जल संरक्षण वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत है, ऐसे में हमें पानी का जरूरत अनुसार उपयोग करना चाहिए। पानी का पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग से हम पानी की बचत कर सकते है। घरेलू उपयोग के बाद बचे हुए पानी को बागवानी या अन्य कार्यों में पुनः उपयोग किया जा सकता है। सामुदायिक स्तर का अभियान है, लोगों को जागरूक होना होगा और जल संरक्षण के महत्व को समझना होगा। हमें यह समझना होगा कि पानी का बचाव हमारे और आने वाली पीढ़ियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बारिश के पानी को जमा करने का एक तरीका होता है, यह किसी भी सतह पर गिरने वाला बारिश का पानी हो सकता है। इस पानी को बाद में फिल्टर किया जाता है और फिर इस्तेमाल करने के लिए जमा कर दिया जाता है। इस तरह पानी की हार्वेस्टिंग करने से पानी का लेवल दोबारा पहले जैसा नॉर्मल हो जाता है, जिससे यह पानी बर्बाद होने से बच जाता है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने शासकीय प्राथ./पूर्व माध्यमिक शाला हसदा के प्रांगण में पर्यावरण को दृष्टिगत रखते हुए आम का पौधा लगाया एवं बच्चों को इसकी देखभाल करने को कहा।