आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल से टीकाकरण व ओपीडी सेवा प्रभावित

Update: 2023-07-29 04:30 GMT

पटना न्यूज़: आशा कार्यकर्ताओं के अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने के बाद जिले के सरकारी अस्पतालों के स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति चरमरा सी गयी है. बंध्याकरण, टीकाकरण, प्रसव व गर्भवती महिलाओं की जांच भी इसमें शामिल है. कई जगह आशा कार्यकर्ता पीएचसी परिसर में शांति बनाकर सिस्टम के विरोध में हैं. वहीं, कई जगह उनके द्वारा नारेबाजी और जबरन बात मनवाने की बात भी सामने आ रही है.

कई जगह काम सुचारू रूप से चल रहा हैबताया गया कि जिले के कई अस्पतालों पर स्वास्थ्य प्रबंधक व प्रभारी चिकित्सा प्रभारी के समझाने से आशा काम को सुचारू ढ़ंग से चलने दे रही हैं, वहीं कई जगह काम लगभग ठप सा है. सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य कार्यों में बाधा पहुंचाने पर कई जगह इनके खिलाफ कार्रवाई भी की गयी है. जबकि कई जगह भय से कार्रवाई से दूर हैं.

क्या कहते हैं सीएससिविल सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि जहां कभी भी स्वास्थ्य सुविधाओं में आशा बाधा बन रही हैं, वहां के प्रभारी चिकित्सा प्रभारी को पुलिस की मदद लेने की लिखित निर्देश दिया गया है. वहीं, व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए एसडीआो को भी पत्र लिखा गया है.

हसनपुरा में ओपीडी प्रभावित कर 15 वें दिन भी धरना पर डटी रही बिहार राज्य आशा एवं आशा फेसिलिटेटर संघ हसनपुरा प्रखंड इकाई के तत्वावधान में 15 वें दिन यानी भी अपनी नौ सूत्री मांगों को ले आशा कार्यकर्ताओं ने ओपीडी व इमरजेंसी सेवा प्रभावित कर अनिश्चित कालीन हड़ताल को लेकर धरना पर बैठी रही. 15 दिनों से ओपीडी व इमरजेंसी सेवा प्रभावित होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करते देखा जा रहा है. वही इसकी सुध जिले के वरीय अधिकारियों द्वारा नही ली जा रही है. जिससे लोग मजबूरी वश प्राइवेट क्लिनिकों के तरफ अपना रुख करते नजर आए.

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