शिक्षकों को टीएलएम के लिए मिले 90 लाख, वाटसन प्लस टू उच्च विद्यालय में जिलास्तरीय टीएलएम मेला शुरू
मधुबनी न्यूज़: जिले के सभी स्कूलों में शिक्षक टीचर्स लर्निंग मैटेरियल का प्रयोग नियमित रुप से करें. ताकि बच्चों में छिपी स्वाभाविक प्रतिभा निखर सकें. जिला स्तरीय टीचर्स लनिंर्ग मेला के आयोजन के दौरान शिक्षकों को संबोधित करते हुए जिला परिषद अध्यक्ष बिंदु गुलाब यादव ने यहबात कही.
उन्होंने डीपीओ शुभम कुसधौन व संभाग प्रभारी अर्जुन कुमार से इस संबंध में जरूरी जानकारी ली और शिक्षण कार्यो में इसे पूरी तरह से आत्मसात करने के लिए शिक्षको को प्रेरित करने की पहल करने पर बल दिया. ताकि हर बच्चे को व्यवहारिक जानकारी हासिल हो सके. वाटसन प्लस टू उच्च विद्यालय में जिला स्तरीय टीचिंग लर्निंग मैटेरियल मेला का आयोजन किया गया. इस मेला में प्रत्येक ब्लॉक से पांच-पांच शिक्षक अपनी ओर से बनाए गए मैटेरियल को यहां लेकर आए थे.
इसके माध्यम से शिक्षक शिक्षिका अपने पाठ को आनंददायी एवं सुग्राहय बनाने के लिए गतिविधियां सोचेंगे. इन गतिविधियों के आवश्यक सामग्री का निर्माण करेंगे और कक्षा में इसका उपयोग करेंगे. ताकि इससे बच्चे पाठ में रूची लेंगे , बच्चे अधिक सीखेंगे और छीजन घटेगी. जिससे विद्यालयों में छात्र छात्राओं की उपस्थिति बढ़ेगी और प्रारंभिक शिक्षा के सार्वजनीकरण का लक्ष्य भी पूरा होगा.
मेला आयोजित कर टीएलएम का निर्माण होगा. स्कूल स्तर पर उसकी प्रदर्शनी भी लगेगी. अच्छी सामग्री निर्माण करने वाले शिक्षक शिक्षिकाओं को अवार्ड व प्रमाणपत्र मिलेगा . सामग्री निर्माण में बच्चों को भी जोड़ा जाएगा.
डीपीओ शुभम कुसौधन ने बताया कि टीएलएम ऐसी सामग्री है जो सीखने सिखाने की प्रक्रिया को सरल, रोचक और आसानी से समझने लायक बनाती है. पाठ्यपुस्तक से संबंधित अवधारणाओं को विकसीत तथा स्पष्ट करने में मदद करती है. बच्चे इससे नये अनुभव प्राप्त कर सकते हैं. टीएलएम पाठ को शुरू करने और आगे बढ़ने में सहायक होती हैं . पाठक को रोचक बनाती हैं.
बनेगा अधिगम कोना इसदौरान संभाग प्रभारी अर्जुन कुमार ने बताया कि विद्यालय में अधिगम कोना बनेगा. जहां पपेट, कठपुतली, गुड़िया आदि को रखा जा सकता हैं. विद्यालय अधिगम कोना में बालोपयोगी पुस्तिकाएं,पत्रिकाएं व विभिन्न रंगों व आकार के आकर्षक टीएलएम रखें जा सकते हैं. टीएलएम बनाने में जिन सहायक सामग्रियों का उपयोग होगा उसमें चार्ट, मोम पेंसिल, फेविकाल, थरमोकोल,पाउडर, स्केच पेन, गोंद,खादी का कपड़ा,स्केल, कैंची, पोस्टर,कलर, ब्रश,रंगीन कागज वह कपड़े शामिल हैं. मौके पर आनंद मोहन झा, डायट के अधिकारी व शिक्षक मौजूद थे.