करोड़ों खर्च के बाद भी राजारानी तालाब का नहीं हुआ जीर्णोद्धार

Update: 2023-02-09 10:25 GMT

मुंगेर न्यूज़: डेस्क किला परिसर स्थित राजारानी तालाब का जल जीवन हरियाली के नाम पर 5 करोड़ से अधिक राशि खर्च होने के बाद भी इस तालाब का जीर्णोद्धार अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है. सबसे पहले वर्ष 2015 में इस तालाब में विधान पार्षद तनवीर अख्तर द्वारा 45 लाख रुपए की लागत से पाथवे का निर्माण कराया गया. पाथवे का उद्घाटन करने आए मुख्यमंत्री ने तत्कालीन विकास आयुक्त शिशिर कुमार को इस तालाब के जीर्णोद्धार का निर्देश दिया था. इसके बाद वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत 05 करोड़ की राशि से राजारानी तालाब के जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ किया गया था.

इस योजना के तहत राजारानी तालाब के जमा गाद को हटा कर गहरा करने, तालाब के चारो तरफ बाउंड्री वॉल का निर्माण, लैण्ड स्केपिंग, चारो ओर हॉर्टिकल्चर, जॉगिंग ट्रैक का निर्माण, तालाब में पानी हर समय बरकरार रहे इसके लिए वाटर सोलर पंप लगाने के साथ तालाब में नौकाबिहार आरंभ करने की योजना थी. निर्माण कार्य बुडको (बिहार शहरी आधारभूत संरचना निगम) की देखरेख में होना था. हाल के दिनों में राजारानी तालाब में नौका बिहार तो आरंभ हो गयी. परंतु सात वर्ष बीत जाने के बावजूद इस तालाब का जीर्णोद्धार कार्य अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है. कोरोना काल में आवंटन का अभाव बताकर संवेदक कार्य छोड़ कर चला गया जो आज तक आरंभ नहीं हो सका.

कोरोना काल में आवंटन की कमी के कारण जीर्णोद्धार कार्य अवरुद्ध हो गया था. पांच माह पूर्व इस योजना में 2 करोड़ रुपया आवंटित हुआ है. आवंटित राशि के हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. डीएम द्वारा समीक्षा के दौरान एजेंसी को फरवरी माह तक जीर्णोद्धार कार्य संपन्न करने का निर्देश दिया गया है. रामायण राम, कार्यपालक अभियंता, बुडको, मुंगेर.

फरवरी तक काम पूर्ण करने का निर्देश: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समाधान यात्रा पर मुंगेर आगमन के मद्देनजर डीएम नवीन कुमार ने बुडको के अधिकारियों के साथ राजारानी तालाब जीर्णोद्धार के कार्यप्रगति की समीक्षा बैठक की. डीएम ने फरवरी 23 तक हर हाल में राजारानी तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण कराने का निर्देश दिया.

पांच माह पूर्व 2 करोड़ रुपये आवंटित: कोरोना काल में आवंटन की समस्या के पश्चात पांच माह पूर्व राजारानी तालाब के जीर्णोद्धार मद में 2 करोड़ रुपये बुडको को आवंटित किया गया. बुडको के अधिकारी बताते हैं कि पांच माह पूर्व आवंटित राशि के हस्तांतरण में विलंब के कारण एजेंसी द्वारा अब तक काम शुरू नहीं किया जा सका है.

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