अब जन्मजात बीमारियों से पीड़ित बच्चों का आईजीआईएमएस में होगा नि:शुल्क इलाज, बिहार सरकार भर्ती होने से लेकर जांच तक का उठाएगी खर्च

जन्मजात बीमारियों से पीड़ित बच्चों का आईजीआईएमएस में अब पूरी तरह से नि:शुल्क इलाज होगा।

Update: 2022-05-26 04:00 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जन्मजात बीमारियों से पीड़ित बच्चों का आईजीआईएमएस में अब पूरी तरह से नि:शुल्क इलाज होगा। यह इलाज राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत होगा। इसके तहत हृदय रोग, लिवर, न्यूरोलॉजी- न्यूरो सर्जरी, कैंसर, किडनी, टेढ़ा जबड़ा, कटे होंठ, टेढ़े हाथ-पैर समेत अन्य सभी बीमारियां इसमें शामिल होगी। बुधवार को अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल की अध्यक्षता में आईजीआईएमएस के वरीय चिकित्सकों व आरबीएसके के वरीय पदाधिकारियों की बैठक हुई।

अधीक्षक ने बताया कि बुधवार को अलग-अलग बीमारियों का वर्गीकरण किया गया। उसमें भर्ती होने से लेकर जांच, सर्जरी, दवाइयों पर खर्च से लेकर अन्य उपकरणों के खर्च का आकलन किया गया। उसके अनुसार उस बीमारी में राशि रखने का प्रावधान किया गया। इसके लिए राशि आरबीएसके के तहत उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत कई बीमारियों में इलाज खर्च से बेहद कम राशि आवंटित की गई है।
इस कारण कई बार इलाज में परेशानी होती है। ऐसी परेशानी बच्चों के इलाज में ना हो इसके लिए अलग से राशि का प्रावधान किया गया है। इससे पीड़ित बच्चों के माता-पिता का एक रुपया भी उनकी जेब से खर्च नहीं होगा। बुधवार को हुई बैठक में डॉ. नीरू गोयल, डॉ. समरेंद्र सिंह, डॉ. प्रियंका, डॉ. रवि विष्णु, डॉ. तुषार, डॉ. दिनेश सिन्हा, डॉ. आलोक रंजन, डॉ रिचा माधवी, डॉ. रितेश रून्नू, डॉ. विनित, समेत जन औषधि और अमृत दवा दुकान के संचालक शामिल थे।
इन बीमारियों का होगा इलाज
हृदय रोग, लिवर, न्यूरोलॉजी- न्यूरो सर्जरी, कैंसर, किडनी, टेढ़ा जबड़ा, दंत रोग, कटे होंठ, हड्डी रोग, टेढ़े हाथ-पैर आदि।
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