Nalanda: 65 नर्सिंग होम की फायर ऑडिट, एक में भी नहीं मिले पूरे इंतजाम
अग्निशमन विभाग ने इस साल 65 निजी व सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट किया है
नालंदा: शहर में तंग गलियों में बनाए गए बहुमंजिले नर्सिंग होम में भी फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम नहीं है. गलियों में सड़क पर ही गाड़ियों की पार्किंग से दमकल जाने तक की जगह नहीं बचती है. अग्निशमन विभाग ने इस साल 65 निजी व सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट किया है. अधिकांश में 60 फीसदी भी आग से बचाव के संसाधन नहीं पाए गए. अग्निशमन अधिकारी ने नोटिस जारी किया, इसके बाद व्यवस्था में कितना बदलाव हुआ, इसकी जानकारी निजी अस्पतालों ने अग्निशमन विभाग को नहीं दी है.
वरीय अनुमंडल अग्निशमन अधिकारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि शहर के कुछ बड़े निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी के इंतजाम 80 फीसदी तक पाए गए लेकिन, अधिकांश में 60 फीसदी से कम व्यवस्था मिली. ऑडिट के बाद संबंधित अस्पताल प्रबंधन को नोटिस दिया गया. इसके अलावा शहर के 90 फीसदी निजी अस्पतालों में मॉक ड्रिल कराया गया है. अस्पताल कर्मियों को आग से बचाव के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना सिखाया गया. अब तक साल में एक बाद फायर सेफ्टी ऑडिट किया की जा रही थी. लेकिन, अब छह माह पर फायर सेफ्टी ऑडिट की जाएगी.
खासकर ऐसे निजी अस्पताल जहां अधिक संख्या में मरीज व उनके अभिभावक मौजूद रहते हैं, वहां आग से बचाव के संसाधन 80 फीसदी से अधिक करने को पत्राचार किए जाएंगे.
अग्निशमन विभाग जिला प्रशासन को भी देता है रिपोर्ट
अग्निशमन विभाग अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट में कमी के संबंध में रिपोर्ट जारी करता है. इसकी प्रति जिला प्रशासन को भी भेजी जाती है. हालांकि, इस रिपोर्ट के आधार पर प्रशासनिक स्तर पर किसी अस्पताल के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है. यूपी के झांसी में घटना के बाद शहर में अस्पतालों में सुरक्षा प्रबंधों पर सवाल उठ रहे हैं.