सिवान न्यूज़: प्रखंड़ के किसान नीलगाय और जंगली सूअरों से तबाह हैं. जंगली जानवरों की संख्या बढ़ने से किसानों को चिंता कायम हो गई है. खासकर सब्जी और फसलों का उत्पादक किसानों को नीलगायों के उत्पात से किसानों का लागत भी नहीं निकल पा रही है. दिन में तो ये नीलगाय खाली जमीन में चली आती है.
लेकिन , जैसे ही रात होती है तो नीलगायों की झुंड खेत में भीड़ लगा देती है. किसानों की महंगी खेती, महंगी सब्जी की खेती, औषधीय खेती में लगे पौधे के कोमल हिस्से को खा जाती है. जिससे फसल बर्बाद हो जाता है. सावना, कैलगढ़, सुंदरपुर, हतिगाई आदि गांवों में तो धान के लगे विचड़े और मक्के के फसल को भी चर जाती है. इससे किसानों को रात भर जगना पड़ रहा है. इस तरह नीलगाय के उत्पात से अब किसानों को खेती करना बहुत महंगा हो गया है. प्रखंड़ के कैलगढ़, लकड़ी, जगतपुरा, ज्ञानी मोड़, सावना, जोगापुर कोठी, तेतहली, कैल टोला, सहित अन्य गावों के किसानों के खेत में लगी फसल को बर्बाद करने से किसान काफी चिंतित है.
किसान आनद कुमार, मेराज़ अहमद, जगदीश सिंह, उमाशंकर प्रसाद सहित अन्य किसानों ने बताया कि एक तो महंगी खाद और बीज के लागत से सब्जी सहित अन्य फसल की खेती की जाती है. लेकिन, नीलगाय झुंड बनाकर एक खेत मे धावा बोलकर फसल को तहस नहस कर देती है. किसान आनंद कुमार ने कहा कि करीब दो एकड़ में धान की खेती करने के लिए धान का बिचड़ा तैयार किया गया था, जिसको नील गायों ने बर्बाद कर दिया. किसान उमाशंकर,जय प्रकाश, दिलीप ने बताया की सब्जी के खेती को नीलगाय चर गई. किसानों ने बताया कि कई बार वन विभाग से इसको पकड़ने को लेकर आवेदन दिया जा चुका है. इतना ही नहीं वरीय पदाधिकारी से नीलगायों सहित जंगली जानवरों से निजात दिलाने की मांग भी की जा चुकी है. हालांकि, क्षेत्र में नीलगायों की संख्या काफी अधिक बढ़ गई है. किसान आनंद कुमार ने बताया कि इसी तरह अगर इनकी संख्या लगातार बढ़ती रही तो सारी फसलें और सब्जियां बर्बाद हो जाएंगी. किसान को भुखमरी का सामना करना पड़ेगा.