बिहार में व्यवसायी संगठनों ने आम बजट पर दी मिश्रित प्रतिक्रिया

Update: 2023-02-01 14:06 GMT
पटना, (आईएएनएस)| वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए पेश केंद्रीय बजट 2023-2024 पर बिहार के व्यवसायिक संगठनों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज ने इस बजट में पिछड़े राज्य बिहार के लिए कुछ विशेष ध्यान नहीं देने की बात कही जबकि बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ने इस बजट को विकास को गति देनेवाला बजट के रूप में देखा है।
बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के पी के अग्रवाल ने कहा कि बजट के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि इस बार के बजट में भी औद्योगिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े राज्य बिहार के लिए कुछ विशेष ध्यान नहीं रखा गया है। बिहार की आम जनता के साथ-साथ राज्य के उद्यमी एवं व्यवसायियों को ऐसी आशा थी कि इस बार के बजट में बिहार जैसे पिछड़े राज्य के आर्थिक विकास के लिए विशेष योजना या विशेष पैकेज की घोषणा की जाएगी।
अग्रवाल ने बताया कि कोविड से प्रभावित एमएसएमई को राहत पहुँचाने, फेल हो चुके एमएसएमई के लिए रिफंड का प्रावधान, एमएसएमई क्रेडिट के ब्याज पर 1 प्रतिशत की छूट, कारोबार के लिए वन स्टॉप समाधान एवं केवाईसी को आसान बनाना, एकीकृत फाइलिंग प्रक्रिया की शुरूआत, नया आयकर रिटर्न फॉर्म जारी करना, आयकर के वर्तमान छूट सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख किया जाना, आयकर के स्लैब को कम करना, 157 नसिर्ंग कॉलेज की स्थापना एवं कौशल विकास पर जोर देना राहत पहुंचाने वाला है।
अग्रवाल ने बताया कि चैम्बर की ओर से वित्त मंत्री को भेजे ज्ञापन में मांग की गई थी कि राज्य के लोगों के निवेश की सीमा सीमित है और जब तक राज्य में स्टील, अल्युमिनियम, पेट्रोकेमिकल जैसे बड़े उद्योग नहीं लगते तब-तक राज्य का आर्थिक एवं औद्योगिक विकास संभव नहीं हो पाएगा। ऐसी परिस्थिति में यह आवश्यक है कि केन्द्र सरकार की ओर से राज्य को विशेष सुविधा प्रदान की जाए।
इधर, बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ने इस बजट को विकास को गति देनेवाला बजट के रूप में देखा है जिसमें अगले 25 वर्षों के दूरदर्शी विकास पर ध्यान केंद्रित की गई है।
बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष अरूण अग्रवाल ने कहा कि इस बजट को विकास को गति देनेवाला बजट कहा जा सकता है, क्योंकि इसमें आधारभूत संरचना सहित सात क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है और विकास का सप्तऋषि मॉडल की रूपरेखा खीचीं गई है। आधारभूत संरचना को विकसित किए जाने पर विशेष बल है। कैपिटल आउटले बढ़ाने के लिए कैपेक्स फंड में 33 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर इसे 10 लाख करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है, जिसके माध्यम से देश में आधारभूत संरचना जैसे विकास से संबंधित योजनाओं पर खर्च होगा। निश्चित रूप से इससे देश की अर्थव्यवस्था को नयी ताकत मिलेगी।
उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि यदि बिहार राज्य के परिपेक्ष्य में देखा जाय तो थोड़ी निराशा दिखती है क्योंकि हमसबों को काफी उम्मीद थी कि बिहार को पिछड़ेपन के परिपेक्ष्य में ऊपर उठाने के लिए विशेष घोषणा इस बजट में किया जायेगा।
--आईएएनएस
Tags:    

Similar News

-->