वार्षिक मूल्यांकन में 8वीं तक के 26.23 लाख बच्चे रहे अनुपस्थित

Update: 2023-05-09 13:22 GMT

मुजफ्फरपुर न्यूज़: सरकारी स्कूलों के एक से आठवीं तक के वार्षिक मूल्यांकन में राज्यभर से 26 लाख 23 हजार 432 बच्चे शामिल नहीं हुए. यह खुलासा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट की समीक्षा से हुआ है. आठवीं तक में 1,90,04,741 बच्चे नामांकित हैं. इनमें 1,63,81,309 बच्चे ही परीक्षा में शामिल हुए.

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (एससीईआरटी) की ओर से साल में दो बार वार्षिक मूल्यांकन किया जाता है. कक्षा एक और दो का मौखिक मूल्यांकन और तीन से आठवीं तक की लिखित परीक्षा ली जाती है. दोनों परीक्षाओं की बात करें तो आठवीं तक में बच्चों की उपस्थिति 86 के लगभग रही. सबसे ज्यादा कटिहार जिले के बच्चे अनुपस्थित रहे. यहां से मात्र 36.74 बच्चों ने ही परीक्षा दी है. बेगूसराय के 15.38 बच्चे परीक्षा से अनुपस्थित रहे. पटना जिला में कुल 76,794 (12) बच्चे परीक्षा में शामिल नहीं हुए.

26 लाख बच्चों में 50 फीसदी नहीं आते स्कूल वार्षिक रिपोर्ट की समीक्षा में देखा गया है कि जिन 26 लाख से अधिक बच्चों ने परीक्षा नहीं दी है, उनमें से 50 फीसदी यानी 13 लाख के करीब स्कूल नहीं आते हैं. इनका नामांकन तो होता है, लेकिन ये अनुपस्थिति रहते हैं. यह स्थिति लगभग सभी जिलों की है.

सौ फीसदी को मिलता है योजना का लाभ

राज्य सरकार की ओर से स्कूली बच्चों के लिए चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ सौ फीसदी बच्चों को दिया जाता है. आठवीं तक पोशाक योजना, पुस्तक योजना का लाभ भी इन्हें मिलता है. मुख्यमंत्री पोशाक योजना के तहत आठवीं तक की छात्राओं को 15 सौ और छात्रों को सात सौ रुपये दिये जाते हैं. स्कूल में नामांकित सौ फीसदी छात्रों को वर्ष 2022-23 में इसका लाभ दिया गया है. नामांकित बच्चों की संख्या के आधार मिड डे मील भी बनता है.

एक से आठवीं कक्षा तक की वार्षिक परीक्षा में पटना जिले से 88 फीसदी बच्चे शामिल हुए. जो 12 फीसदी बच्चे शामिल नहीं हुए, उसके लिए स्कूलों से संपर्क किया जाएगा. बच्चे स्कूल क्यों नहीं आ रहे हैं, इसका कारण जाना जाएगा. - अमित कुमार, डीईओ पटना

वार्षिक मूल्यांकन में शामिल नहीं होने वाले बच्चों को चिह्नित किया जाएगा. उनके स्कूल नहीं आने और वार्षिक या अर्द्धवार्षिक परीक्षा में शामिल नहीं होने के कारणों की समीक्षा होगी. उसी के अनुसार कार्रवाई भी की जाएगी.

- सज्जन आर, निदेशक एससीईआरटी

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