जनता से रिश्ता वेबडेस्क : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने कहा कि राज्य में अप्रैल के बाद से आई बाढ़ ने 90 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है, जिसे गंभीर प्राकृतिक आपदा आई। इसने 195 लोगों की जान ले ली। उन्होंने कहा कि ऐसे में 90 फीसदी खर्च केंद्र वहन करेगा।वहीं असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन के अनुसार, असम बाढ़ की स्थिति में और सुधार हुआ, हालांकि पांच जिलों में 1.48 लाख की आबादी अभी भी प्रभावित है। नदियों का जलस्तर और कम हो गया है और अब कोई भी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है। कुल प्रभावित आबादी पिछले दिन के 2,10,746 से घटकर 1,48,645 हो गई। बुलेटिन में कहा गया है कि मरने वालों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यहां कहा कि केंद्र ने इस साल के जलप्रलय को राज्य के इतिहास में संभवत: सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा घोषित किया है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राहत और पुनर्वास का 90 फीसदी खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। सरमा ने उन छात्रों को 1,000 रुपए का एकमुश्त भुगतान प्रदान करने की एक योजना भी शुरू की, जिन्होंने जलप्रलय में अपनी पाठ्यपुस्तकें खो दी हैं। एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि पांच जिलों- कछार, चिरांग, दीमा-हसाओ, मोरीगांव और तामुलपुर के छह राजस्व मंडलों के 271 गांव अब जलमग्न हो गए हैं।
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