आपका बच्‍चा पब्लिक में करता है प्राइवेट पार्ट को टच, तो डांटने की बजाय ऐसे सुधारें उसकी ये आदत

उसकी ये आदत कंट्रोल होने के बजाय बढ़ती जा रही है तो आपको किसी चाइड स्पेशलिस्ट या थेरेपिस्ट की मदद लेनी चाहिए।

Update: 2022-07-13 03:53 GMT

क्या आपका बच्चा भी पब्लिक स्पेस में अपने प्राइवेट पार्टस को छूता है, और आपके डांटने या मारने के बाद भी उसकी ये आदत नहीं छूट रही। तो आपको ये बात समझनी होगी कि ये आदत इस तरह छूटेगी भी नहीं। देखा जाए तो छोटे बच्चे कब क्या कर दें, ये किसी को नहीं पता होता है। लेकिन अगर आप बच्चे को मारकर या डांटकर उसकी बुरी आदतों को सुधारना चाहते हैं तो जान लें कि इससे बात और बिगड़ सकती है और इसका असर आपके बच्चे की मेंटल हेल्थ पर भी पड़ सकता है।


आमतौर पर हम ये देखते है कि जब कोई बच्चा सब के सामने अपने प्राइवेट पार्ट को छूता है तो पैरेंट्स उसे समझाने की बजाय डांट देते हैं, जिसका बच्चे पर बहुत गहरा असर पड़ता है। बच्चे को ये लग सकता है कि उसका प्राइवेट पार्ट कोई शर्म वाली जगह है। इसके अलावा बच्चा यह भी सोच सकता है कि उसके माता-पिता को उससे ज्यादा पब्लिक इमेज की चिंता हैं। ऐसे में ये हर पेरेंटस के लिए जरूरी है कि अपने बच्चे को वे सभी शारीरिक अंगों की जानकारी दें। और जब बात प्राइवेट पार्टस का नाम बताने की हो तो बच्चे को कोड वर्ड में या दूसरे तरीके से बताने की बजाय स्पष्ट रूप से समझना ही सही रहता है। तो यहां हम आपको बच्चे के प्राइवेट पार्ट को छूने की वजह और इस बुरी आदत को छुड़वाने के कुछ प्रभावी उपाय बताने जा रहे है।


प्यार से समझाए
ये बात पैरेंट्स को समझनी जरूरी है कि जब छोटे बच्चे खुद को छूना शुरू करते हैं, तो उन्हें उनके इस बिहेवियर को गलत या गंदा करके डांट-फटकार नहीं लगानी चाहिए। क्यूंकि यह एक नैचुरल एक्सप्लोरेशन है और बच्चा जो कर रहा है, उसे करके उसे खुशी मिल रही है, वरना वो ऐसा क्यों करता। ऐसे में डांटने के बजाय अगर पैरेंट्स उदाहरण देकर अपने बच्चे को ये समझाए कि पब्लिक में प्राइवेट पार्ट्स को छूना अच्छी आदत नहीं है, तो बच्चा बेहतर ढंग से इस बात को समझ पाएगा।

जानें इस बिहेवियर का कारण
बच्चे से ये जानने की कोशिश करें कि उसे प्राइवेट पार्ट्स को छूना अच्छा लगता है या ये किसी को देख कर रहे है। देखा जाए तो कई बार बच्चे किसी मानसिक समस्या की वजह से भी ऐसा व्यवहार करते हैं। पारिवारिक कलह, घरेलू हिंसा, किसी नए शहर या स्कूल में जाना, या किसी डर की वजह से वो असुरक्षित महसूस करते हैं और तनाव में आकर वे इस तरह की आदतें अपना लेते हैं। जिसे समय रहते बदलना जरूरी है।


कैसे छुड़ाए ये आदत
पैरेंट के रूप में, ये आपकी जिम्मेदारी है कि आप डांटने या मारने की बजाय अपने बच्चे को इस बुरी आदत से दूर रखने के लिए हरसंभव कोशिश करें। ऐसे में आप अपने बच्चे की इस आदत को दूर करने के लिए उसे किसी और चीज में बिजी कर सकती हैं। यानि बच्चे को कोई नई हॉबी सिखाकर या म्यूजिक सुनाकर या सिर्फ उससे बात करके भी आप इस आदत को दूर करने में उसकी मदद कर सकती हैं। हालांकि अगर आपको लगता है कि उसकी ये आदत कंट्रोल होने के बजाय बढ़ती जा रही है तो आपको किसी चाइड स्पेशलिस्ट या थेरेपिस्ट की मदद लेनी चाहिए।

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