कयाकिंग; लगभग हर किसी को समय-समय पर यात्रा करना पसंद होता है। कोई छुट्टियां मनाने के लिए खूबसूरत वादियों में जाता है तो कोई समुद्र तटों पर मौज-मस्ती करने के लिए जाता है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो घूमने-फिरने के साथ-साथ साहसिक गतिविधियों के भी शौकीन होते हैं। किसी को ट्रैकिंग पसंद है तो किसी को राफ्टिंग। कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें कयाकिंग पसंद है.
अगर आप भी आने वाले दिनों में कयाकिंग करने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको दक्षिण भारत की कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप अपने दोस्तों के साथ कयाकिंग कर सकते हैं।
अल्लेप्पी
जब भी केरल घूमने की बात आती है तो अलेप्पी शहर का जिक्र जरूर होता है। इस शहर की सुंदरता इतनी लोकप्रिय है कि कई लोग इस शहर को ‘पूर्व का वेनिस’ भी कहते हैं।
बैकवाटर अलेप्पी की खूबसूरती को और भी बढ़ा देते हैं। अलेप्पी के बैकवाटर का आनंद लेने के लिए देशी-विदेशी पर्यटक आते रहते हैं। ऐसे में अगर आप केरल में कयाकिंग करना चाहते हैं तो आपको अलेप्पी पहुंचना चाहिए। यहां मौजूद बैकवॉटर्स में कयाकिंग का एक अलग ही मजा है।
गोकर्ण
कहा जाता है कि अगर आप कर्नाटक की खूबसूरती देखना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको गोकर्ण शहर पहुंचना चाहिए। समुद्र तटीय इस शहर की खूबसूरती इतनी लोकप्रिय है कि देश-विदेश से पर्यटक यहां आते रहते हैं।
अगर आप कर्नाटक में बेहतरीन कयाकिंग का मजा लेना चाहते हैं तो आपको गोकर्ण पहुंचना चाहिए। कयाकिंग का आनंद लेने के लिए हर दिन हजारों लोग गोकर्ण के पश्चिमी घाट पहुंचते हैं। आप कर्नाटक के डांडेली में भी कयाकिंग कर सकते हैं।
महाबलीपुरम
महाबलीपुरम अपने जीवंत मंदिरों, स्मारकों और गुफाओं के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, लेकिन अगर आप तमिलनाडु में कयाकिंग का आनंद लेना चाहते हैं, तो आपको महाबलीपुरम जाना चाहिए।
महाबलीपुरम तमिलनाडु का एक तटीय इलाका है, जिसके कारण यहां अधिक पर्यटक कायाकिंग के लिए आते हैं। इसके अलावा आप पुलिकट झील में कयाकिंग का भी मजा ले सकते हैं। इसके अलावा आप महाबलीपुरम में स्थित समुद्रतट भी देख सकते हैं।
आंध्र प्रदेश
दक्षिण भारत का आंध्र प्रदेश खूबसूरती के मामले में किसी भी राज्य से कम नहीं है। आंध्र प्रदेश में गोदावरी और कृष्णा नदियाँ इस राज्य की सुंदरता बढ़ाती हैं।
गोदावरी और कृष्णा नदियाँ न केवल आंध्र प्रदेश की सुंदरता बढ़ाती हैं, बल्कि कायाकिंग के लिए भी जानी जाती हैं। गोदावरी और कृष्णा नदी में हर दिन एक दर्जन से अधिक पर्यटक कयाकिंग के लिए आते हैं