World Parkinson Day 2022 : पार्किंसन एक ब्रेन डिसऑर्डर है,जानें इस रोग के लक्षण, कारण और उपाय

इस वर्ष ‘विश्व पार्किंसन दिवस’ को ‘इंटीग्रेटेड हेल्थ केयर’ थीम के तहत सेलिब्रेट किया जा रहा है.

Update: 2022-04-11 04:56 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज (11 अप्रैल) 'वर्ल्ड पार्किंसन डे' (World Parkinson Day 2022) है. पार्किंसन एक ब्रेन डिसऑर्डर है और ज्यादातर यह समस्या बुजुर्गावस्था में होती है. आज भी इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों में प्रॉपर जानकारी की कमी है. 'पार्किंसन डे' पर लोगों में इस समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम, कैंपेन आयोजित किए जाते हैं. इस वर्ष 'विश्व पार्किंसन दिवस' को 'इंटीग्रेटेड हेल्थ केयर' थीम के तहत सेलिब्रेट किया जा रहा है. इस बीमारी में दिमाग की विशिष्ट मस्तिष्क कोशिकाओं में नुकसान होने के कारण मूवमेंट प्रभावित होता है. हाथ-पैरों में कंपन होता रहता है. मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं. शारीरिक संतुलन बनाने में मुश्किलें आती हैं. इस तरह की समस्याएं विकसित होने के कारण इसे प्रॉग्रेसिव न्यूरोडीजेनरेटिव डिसऑर्डर भी कहा जाता है. वैसे तो इस कोई इलाज नहीं है, लेकिन उचित खानपान और कुछ खास तरह के फूड्स के सेवन से पार्किंसन के लक्षणों को मैनेज करने में आसानी हो सकती है.

पार्किंसन रोग के लक्षण
पार्किंसन डॉट ओआरजी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, पार्किंसंस रोग (PD)एक न्यूरोडीजेनरेटिव विकार है, जो मुख्य रूप से मस्तिष्क के एक विशिष्ट क्षेत्र में डोपामिन-उत्पादक (डोपामिनर्जिक) न्यूरॉन्स को प्रभावित करता है, जिसे सब्सटांशिया निग्रा कहा जाता है. इसके लक्षणों की बात करें, तो इसके लक्षण आमतौर पर कई वर्षों में धीरे-धीरे विकसित होते हैं. रोग की विविधता के कारण लक्षणों का नजर आना अक्सर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होता है. पार्किंसन रोग के लक्षण निम्न हो सकते हैं-
पार्किंसन डिजीज के कारण
पार्किंसन क्यों होता है, इसके सही कारणों के बारे में अभी भी बहुत कुछ जानना बाकी है. हालांकि, पार्किंसन का कोई इलाज नहीं है, लेकिन उपचार के विकल्प अलग-अलग हैं. इसमें दवाएं और सर्जरी शामिल हैं. पार्किंसंस डिजीज घातक नहीं है, लेकिन रोग की जटिलताएं गंभीर हो सकती हैं. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, पार्किंसन की जटिलताओं के कारण अमेरिका में मृत्यु के 14 वें कारण के रूप में इस बीमारी का मूल्यांकन किया है.
हेल्दी डाइट से करें पार्किंसन को मैनेज
हिंदुस्तानटाइम्स डॉट कॉम में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, डाइट में कुछ बदलाव लाकर इस बीमारी को मैनेज किया जा सकता है. कई तरह के फूड्स हैं, जो पार्किंसन के लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं. एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ, फिश ऑयल, विटामिन बी1, सी, डी से भरपूर चीजें इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को खाने के लिए देना चाहिए. कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड तंत्रिका सूजन को कम करने, न्यूरोट्रांसमिशन को बढ़ाने और न्यूरोडीजेनरेशन को रोकने में मदद कर सकता है. यदि इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों को ओमेगा-3 फैटी फिश या फिर ओमेगा-3 सप्लीमेंट खाने के लिए दिया जाए, तो काफी फायदा पहुंच सकता है. साथ ही इन लोगों को अधिक चीनी, नमक, प्रॉसेस्ड फूड्स, हाई कोलेस्ट्रॉल फूड्स, डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे चीज, लो-फैट मिल्क, दही, सैचुरेटेड फैट आदि बिल्कुल भी खाने के लिए नहीं देना चाहिए. इन मरीजों को निगलने और चबाने में समस्या होती है, ऐसे में मांस खाने के लिए ना दें.


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