रागी ( नचनी ) की लोकप्रियता इतनी क्यों बढ़ रही है
रागी Ragi बाजरे की तरह दिखने वाला एक छोटे गोल दानेदार रूप मे पाए जाने वाला खाद्य पदार्थ है । इसे नचनी Nachni तथा मडूआ Madua के नाम से भी जाना जाता है ।
जनता से रिश्ता। रागी Ragi बाजरे की तरह दिखने वाला एक छोटे गोल दानेदार रूप मे पाए जाने वाला खाद्य पदार्थ है । इसे नचनी Nachni तथा मडूआ Madua के नाम से भी जाना जाता है । रागी के दाने बहुत छोटे होते हैं इसलिए इसे पोलिश या प्रोसेस नहीं किया जाता है ।
इंग्लिश मे रागी को फिंगर मिलेट Finger Millet के नाम से जाना जाता है । क्योंकि इसके पौधे की बनावट हथेली से जुड़ी अंगुलियों जैसी होती है ।
रागी एक सुपर फूड की तरह तेजी से लोकप्रिय और फेमस होता जा रहा है । कई न्यूट्रीशियनिष्ट स्वास्थ्य की दृष्टि से इसे भोजन में शामिल करने की सलाह देते हैं । यह अत्यंत पौष्टिक नाश्ता कहलाता है ।
Ragi को पीस कर इसका मोटा या बारीक पाउडर कई प्रकार की डिश बनाने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है । रागी का उपयोग रोटी , डोसा , उपमा , इडली , ब्रेड , केक आदि बनाकर किया जा सकता है ।
Ragi से बने बेकरी आइटम जैसे कुकीज तथा म्यूज़ली आदि बाजार मे उपलब्ध हैं ।
रागी मे प्रोटीन , विटामिन , खनिज , कार्बोहाइड्रेट तथा फाइबर भरपूर मात्रा मे होते हैं ।
इसमे विटामिन B कॉम्प्लेक्स समूह के थायमीन , रिबोफ्लेविन , नियासीन , और फोलिक एसिड तथा विटामिन C व विटामिन E मौजूद होते हैं । इसके अलावा इसमें कैल्शियम , मैग्नीशियम , आयरन तथा फास्फोरस की भी अच्छी मात्रा होती है ।
इसमे ग्लूटेन नहीं होता है। सोडियम और कोलेस्ट्रॉल की भी मात्रा बहुत कम होती है । इसे एक सुपर फूड कहा जा सकता है ।
रागी के फायदे – Ragi Benefits in hindi
प्रोटीन के लिए रागी
इसमे प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है । प्रोटीन शरीर की मरम्मत तथा विकास के लिए तो जरुरी जरूरी होता ही है । इसके अलावा भी प्रोटीन की जरुरत कई तरह से होती है।
मजबूत हड्डियाँ
Ragi कैल्शियम तथा फास्फोरस का बहुत अच्छा स्रोत है । Ragi के आटे मे किसी भी अनाज की अपेक्षा अधिक कैल्शियम होता है । कैल्शियम हड्डियों और दांतों के लिए महत्वपूर्ण है । इसके उपयोग से ऑस्टियो पोरोसिस की रोकथाम मे मदद मिल सकती सकती है ।
डायबिटीज में रागी
चावल , मक्का , गेहूं की तुलना मे रागी के बीज का कोट पोलीफेनोल और डायटरी फाइबर से भरपूर होता है । इसे डायबिटीज मे खाना फायदेमंद होता है । इसे सुबह के नाश्ते या दोपहर के भोजन मे खाना चाहिए । इससे रक्त मे शक्कर की मात्रा उतनी नहीं बढ़ती ।