डिलीवरी के बाद मैटरनिटी बेल्ट पहनना क्यों है जरूरी

Update: 2023-07-25 09:27 GMT
लाइफस्टाइल: डिलीवरी के बाद महिलाओं को डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़ी कई बातों का ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। प्रेग्नेंसी और पोस्टपार्टम के दौरान, महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। ऐसे में, अगर महिलाएं अपने शरीर का सही से ख्याल नहीं रखती हैं, तो आने वाले समय में उन्हें कई परेशानियां हो सकती हैं। मां के गर्भ में बच्चे का सही तरह से विकास हो सके, इसके लिए प्रेग्नेंसी के दौरान, महिलाओं के यूट्रस, मसल्स, लिगामेंट्स और बेली के आस-पास की स्किन स्ट्रेच होती है। डिलीवरी के हाद किसी भी महिला को प्री-प्रेग्नेंसी शेप में आने में समय लगता है। कई महिलाओं को पोस्टपार्टम बेली को कम करने में ज्यादा वक्त लग सकता है।
डिलीवरी के बाद, महिला के पेट लटका हुआ नजर न आए और बेली के आस-पास की मसल्स को सपोर्ट मिल सके, इसके लिए मैटरनिटी बेल्ट पहनना कितना जरूरी है, इस बारे में हमने डॉक्टर अर्चना पाठक, डायरेक्टर, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, सी.के. बिरला हॉस्पिटल, दिल्ली से बात की। आइए आपको बताते हैं कि महिलाओं के लिए डिलीवरी के बाद मैटरनिटी बेल्ट पहनना कितना जरूरी है, इस बारे में डॉक्टर की क्या राय है।
डिलीवरी के बाद होते हैं बदलाव
महिलाओं के शरीर में डिलीवरी के बाद कई बदलाव होते हैं। इस दौरान कई हार्मोनल चेंज भी होते हैं, जिसकी वजह से यूट्रस अपने नॉर्मल साइज में वापिस आता है। फूले हुए सेल्स और टिश्यूज अपनी ओरिजनल पोजिशन में लौटते हैं, जिसकी वजह से यूरिन, वजाइनल डिस्चार्ज और पसीने के जरिए ज्यादा फ्ल्यूड रिलीज होता है। हालांकि, डिलीवरी (पोस्टपार्टम डाइट प्लान) के बाद किसी भी महिला की बेली को अपने पुराने साइज में आने में समय लगता है। क्योंकि बच्चे के विकास के लिए बेली के इर्द-गिर्द जमा हुए फैट को बर्न करने में समय लग सकता है।
मैटरनिटी बेल्ट क्यों है जरूरी?
मैटरनिटी बेल्ट को पोस्टपार्टम बेल्ट भी कहा जाता है। यह नई मां के पेट और कमर के निचले हिस्से को सहारा देने के लिए डिजाइन की गई है। प्रेग्नेंसी के 9 महीनों के दौरान स्ट्रेच होने के कारण पेट और कमर के निचले हिस्से की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। डिलीवरी के बाद, इन्हें सपोर्ट और आराम देना बहुत जरूरी होता है। मैटरनिटी बेल्ट पेट के आस-पास के हिस्से को आराम देती है। जिससे मांसपेशियों पर तनाव कम करने और तेजी से रिकवरी को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। डिलीवरी के बाद पेल्विक एरिया में भी दर्द और खिंचाव महसूस हो सकता है। मैटरनिटी बेल्ट इसमें में भी आराम पहुंचाती है। यह बेल्ट अंदरूनी अंगों को उनकी ओरिजनल पोजिशन में सेटल करने का काम करती है। इसे पहनने से महिलाओं को कॉन्फिडेंस और इस बात का भरोसा भी मिलता है कि उनका शरीर जल्दी ही पुरानी स्थिति में लौट जाएगा।
मैटरनिटी बेल्ट पहनने से पहले इन बातों का रखें ख्याल
मैटरनिटी बेल्ट को कब और कितना पहनना है, इस बात की जानकारी होना भी जरूरी है। कुछ महिलाओं को इसे पहनने से प्रेशर, दर्द और असुविधा महसूस हो सकती है। अगर डिलीवरी सी-सेक्शन से हुई है तो सर्जिकल घावों पर भी बेल्ट का प्रेशर असर डाल सकता है। एक बार घाव भर जाने के बाद बेल्ट पहनना शुरू किया जा सकता है। लेकिन इससे पहले किसी मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह जरूर लें। मार्केट में कई तरह की पोस्टपार्टम बेल्ट्स, स्पलिंट्स, रैप्स और कोर्सेट्स मौजूद हैं। आप डॉक्टरी सलाह के आधार पर इन्हें पहन सकती हैं।
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