कोरोना संक्रमण हो या डेंगू-मलेरिया घबराएं नहीं, ऐसे पहचानें रोगों के लक्षण का अंतर!

दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं।

Update: 2021-08-29 12:55 GMT

दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। भारत में भी पिछले कुछ दिनों से संक्रमण के मामलों में उछाल देखा जा रहा है। कई रिपोर्टस में दावा किया जा रहा है कि अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहjर अपने पीक पर पहुंच सकती है, यही कारण है कि कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों के मन में एक बार फिर से काफी डर देखा जा रहा है। इन सबके बीच इस समय लोगों को हो रही सामान्य सर्दी-खांसी में भी लोगों को कोरोना का डर सता रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से मौसम में बदलाव हो रहा है ऐसे में सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या होना काफी सामान्य है। इसके साथ मानसून में कुछ अन्य रोगों के मामले भी बढ़ जाते हैं, जिनमें से ज्यादातर के लक्षण कोरोना से मिलते-जुलते हैं। ऐसे में लोगों के लिए कोरोना और मानसून की बीमारियों के अंतर को समझना काफी आवश्यक हो जाता है।

डॉक्टरों के मुताबिक मानसून के समय में मच्छर जनित डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़ जाते हैं। इसके साथ देश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के केस बढ़ते दिख रहे हैं। आमतौर पर इन तीनों ही बीमारियों के कई लक्षण मिलते जुलते हो सकते हैं, जिसके कारण लोगों में भ्रम की स्थिति होना स्वाभाविक है। आइए आगे की स्लाइडों में डेंगू, मलेरिया और कोविड-19 के बीच के अंतर को समझने की कोशिश करते हैं।
कोविड-19 की बीमारी के बारे में जानिए

पूरी दुनिया में पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से कोरोना संक्रमण का प्रकोप जारी है। कोरोनावायरस के कारण होने वाली कोविड-19 बीमारी, श्वसन प्रणाली को प्रभावित करती है। सार्स-सीओवी-2 नामक वायरस को इसका मुख्य कारण माना जाता है। कोविड-19 रोग में संक्रमित का श्वसन पथ प्रभावित होता है, जिसके कारण रोगियों में फेफड़ों की जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। कोविड-19 में रोगियों को खांसी, गले में खराश, गंध और स्वाद की कमी, सांस की तकलीफ और फेफड़ों से संबंधित अन्य कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। वैक्सीनेशन को इस रोग से बचाव का सबसे बेहतरीन हथियार माना जाता है।
डेंगू में हो सकते हैं कोविड-19 जैसे लक्षण
डेंगू, मच्छरों के कारण होने वाली बीमारी है, मानसून के समय में हर साल देशभर में डेंगू के मामले बढ़ जाते हैं। डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के काटने के चार से 10 दिन बाद इसके लक्षण दिखने शुरू होते हैं। इसमें रोगी को सिरदर्द, मांसपेशियों, हड्डी या जोड़ों में दर्द के साथ मतली, आंखों के पीछे दर्द, ग्रंथियां मे सूजन के साथ त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं। गंभीर मामलों में रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा कम होनी शुरू हो जाती है। डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों को पनपने से रोकें।
मलेरिया के लक्षणों को जानें
डेंगू की तरह मलेरिया भी मच्छरों के कारण होने वाली मानसून की बीमारियों में से एक है। जिन लोगों को मलेरिया होता है उनको आमतौर पर तेज बुखार और कंपकंपी वाली ठंड लगने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा रोगियों को सिरदर्द, मतली और उल्टी, दस्त, पेट में दर्द, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द, तेजी से सांस लेने और हृदय गति के तेज होने की समस्या भी हो सकती है। मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरों को पनपने से रोकें।
तीनों बीमारियों में कैसे अंतर करें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू, मलेरिया और कोविड-19 के ज्यादातर लक्षण एक जैसे हो सकते हैं, ऐसे में इनमें अंतर करना थोड़ा कठिन है। डेंगू के कारण होने वाले बुखार, थकान और शरीर में दर्द और कोविड-19 के बीच अंतर करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि ध्यान देने वाली बात यह है कि कोविड-19 में लोगों को सूखी खांसी, गले में खराश, गंध और स्वाद की कमी जैसी श्वसन संबंधी जटिलताएं होती है, जबकि डेंगू के रोगियों में ऐसे लक्षणों की संभावना बेहद कम होती है। मलेरिया के बुखार के साथ लोगों को ठंड लगती है जबकि कोविड-19 में बहुत तेज बुखार और ठंड लगने की समस्या नहीं होती है। हालांकि किसी भी रोग की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना सबसे बेहतर माना जाता है।

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