क्या है फेफड़े के कैंसर का कारण और कैसे करे बचाव
तंबाकू का सेवन फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है,
अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो आपको फेफड़ों के कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा है लेकिन आप स्मोकिंग करने वालों के साथ रहते हैं, तो आपको उससे ज्यादा खतरा है, डॉक्टर ने बताया है कि अप कैसे कैंसर को जोखिम को कम कर सकते हैं।
फेफड़े का कैंसर (Lung Cancer) एक ऐसी बीमारी है जिसमें फेफड़ों के टिश्यू में खतरनाक कोशिकाएं बन जाती हैं। स्मॉल सेल लंग कैंसर और नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर फेफड़े के कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं। फेफड़े का कैंसर पूरी दुनिया में पुरुषों और महिलाओं दोनों में कैंसर से होने वाली मौत का प्रमुख कारण है।
फेफड़े का कैंसर के क्या कारण हैं? कैंसर के विकास के लिए सबसे आम जोखिम कारकों में तम्बाकू, धूम्रपान, वायु प्रदूषण, रेडिएशन के संपर्क में आना, कोयला और बेरिलियम जैसे रसायनों के संपर्क में आना और कैंसर का पारिवारिक इतिहास शामिल है।
हैदराबाद स्थित यशोदा हॉस्पिटल्स में कंसल्टेंट क्लिनिकल एंड इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर वी प्रतिभा प्रसाद आपको बता रही हैं कि आप किन-किन उपायों के जरिए फेफड़ों के कैंसर का खतरा या जोखिम कम कर सकते हैं।
तंबाकू के सेवन से बचें
तंबाकू का सेवन फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है, जो कुल मामलों का लगभग 90% है। सिगरेट, सिगार, पाइप, हुक्का, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट और तम्बाकू खाना फेफड़ों के लिए खतरनाक हैं।
धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का जोखिम लगभग 20 गुना अधिक होता है। इसलिए फेफड़ों के कैंसर को रोकने या फेफड़ों के कैंसर के खतरे को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि धूम्रपान तुरंत बंद कर दिया जाए।
सेकेंड हैंड स्मोक एक्सपोजर से बचें
सेकेंड हैंड स्मोक हानिकारक होता है और इसमें सिगरेट जैसे कई जहरीले रसायन होते हैं, जो आपके फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
अपने साथ रहने वालों को स्मोकिंग करने से रोकें या फिर उनसे दूर रहें।
रेडिएशन और केमिकल से बचें
रेडिएशन एक्सपोजर, खासकर रेडॉन पूरी दुनिया में इसका एक बड़ा जोखिम कारक है।
इससे बचने की कोशिश करें। इसके अलावा एस्बेस्टस, कोयला, सिलिका, बेरिलियम, आर्सेनिक, निकल आदि जैसे हानिकारक रसायनों के लंबे समय तक संपर्क में आने से बचें।
हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज जरूरी
अपने खाने में विभिन्न प्रकार के फल-सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें। इनमें विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं।
सप्लीमेंट्स की बड़ी खुराक लेने से बचें, क्योंकि ये हानिकारक हो सकते हैं। इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज करने से फेफड़े और अन्य प्रकार के कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिलती है।
फेफड़े के कैंसर की जांच
समय-समय पर फेफड़ों की जांच कराते रहने से आपको सही और सफल इलाज में मदद मिल सकती है। अगर आप स्मोकिंग करते हैं या विशेष आयु वर्ग में हैं, तो आपको फेफड़ों की जांच कराने की सलाह दी जाती है।
आप जांच कराएं यदि आप, अगर आप 50 से 80 साल के हैं, आपने 20 वर्षों तक एक दिन में कम से कम 1 पैक के बराबर धूम्रपान किया है या आप अभी भी धूम्रपान करते हैं या पिछले 15 वर्षों में धूम्रपान छोड़ चुके हैं।