खाना बनाने के लिए हम कई तरह के तेल का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा सरसों के तेल का इस्तेमाल होता है। ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता है कि कौन सा तेल उनकी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है। हर कोई सोचता है कि जो तेल वह खाने में डाल रहा है वह बहुत हेल्दी है। वैसे अब लोग इस बात का ध्यान रखने लगे हैं कि जो तेल वे इस्तेमाल कर रहे हैं वह रिफाइंड, सरसों या कोल्ड प्रेस्ड तेल है। कोल्ड प्रेस्ड ऑयल का चलन काफी बढ़ गया है।विशेषज्ञ भी इन्हें खाने की सलाह देते हैं क्योंकि ये किसी भी तरह की रासायनिक प्रक्रिया के तहत तैयार नहीं होते हैं। आइए आपको बताते हैं कि कोल्ड प्रेस्ड ऑयल क्या है और यह शरीर के लिए कैसे फायदेमंद है।
कोल्ड प्रेस्ड ऑयल क्या है
जहां रिफाइंड तेल या अन्य तेल को हीट या केमिकल से तैयार किया जाता है, वहीं कोल्ड प्रेस्ड तेल प्राकृतिक प्रक्रिया से तैयार किया जाता है। इसे मूंगफली या अन्य बीजों को पीसकर तैयार किया जाता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक इसमें कई विटामिन जैसे ई, के, सी के अलावा एंटीऑक्सीडेंट और हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं। खास बात यह है कि प्राकृतिक प्रक्रिया से तैयार होने के कारण ये सभी तत्व तेल में बरकरार रहते हैं। इसी वजह से इस तरह के तेल को सेहत के लिए सुरक्षित और सेहतमंद माना जाता है।
कौन सा कोल्ड प्रेस्ड तेल सबसे अच्छा है
वैसे तो मूंगफली या अन्य बीजों का तेल सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन जैतून का तेल सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। दरअसल, यह काफी सॉफ्ट होता है जबकि नारियल के तेल को गर्म करके इस्तेमाल किया जाता है। वैसे तो सरसों का तेल भी एक तरह का कोल्ड प्रेस्ड तेल है क्योंकि इसमें भी सरसों के दाने पीसने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। कोल्ड प्रेस्ड सरसों के तेल को कच्ची घानी कहा जाता है। भारतीय घरों में खाने में ज्यादातर कच्ची घानी का इस्तेमाल किया जाता है.
कच्ची घानी के फायदे
कच्ची घानी यानी सरसों का तेल दिल की सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए कच्ची घानी के तेल से बनी चीजें खानी चाहिए, लेकिन इसका इस्तेमाल भी सीमित करना चाहिए।