थायराइड के कारण बढ़ गया है वजन तो रूटीन में शामिल करें ये योगा
आजकल बहुत से लोग थायराइड जैसी गंभीर बीमारी से परेशान हैं। वैसे तो थायराइड पुरुषों में भी होता है,
आजकल बहुत से लोग थायराइड जैसी गंभीर बीमारी से परेशान हैं। वैसे तो थायराइड पुरुषों में भी होता है, लेकिन यह समस्या महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। यह रोग दो तरह का होता है- एक जिसमें व्यक्ति बहुत ज्यादा मोटा हो जाता है और दूसरा जिसमें व्यक्ति जरुरत से ज्यादा पतला हो जाता है। थायराइड के कारण कई लोगों का वजन बहुत ही बढ़ जाता है, जिसके कारण वह परेशान हो जाते हैं। आप थायराइड में इन आसनों के साथ अपना वजन कंट्रोल में कर सकते हैं। तो चलिए आपको कुछ ऐसे योगासन बताते हैं, जिनसे आप अपना वजन कंट्रोल में रख सकते हैं।
सर्वांगसन
सर्वांगसन का अर्थ होता है- 'सारे अंगों का आसन'। इस आसन को करने से सारे शरीर का व्यायाम होता है। इसके अलावा इस आसन को करने से आपको कोई भी बीमारी नहीं होगी। यह आपके थायराइड और हाईपोथेलेमेस ग्रंथियों को कंट्रोल में करता है। इस आसन को करने से आपको थायराइड जैसी बीमारियों से भी लाभ मिलेगा। यह आसन आपके हृदय और श्वासन प्रणाली को भी मजबूत करता है। रक्त का प्रवाह भी बढ़ता है और चेहरे पर झूर्रियों की समस्या भी दूर होती है।
कैसे करें सर्वांगसन
. सबसे पहले कमर के बल बिल्कुल सीधे लेट जाएं।
. फिर अपने कमर पर हाथ रखते हुए सांस को अंदर ले जाएं।
. कोहनी से जमीन पर टिकाकर दोनों हाथों से पीठ को सहारा दें।
. ऐसे ही मुद्रा में रहकर सांस को अंदर से बाहर करें। यह ध्यान रहे कि आपका संतुलन सही हो।
. अपनी कमर को जमीन से टिकाकर टांगों को एकदम सीधा करें।
. अपनी क्षमता के अनुसार, 10-15 मिनट इस आसन को करें और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं।
हलासन
हलासन करने से आपका दिमाग शांत रहता है। यह आपके पेट और थायराइड ग्रंथि को भी उत्तेजित करता है। आपके शरीर की थकान और तनाव को भी कम करने में मदद करता है। हलासन हिंदी के दो शब्द हल और आसन से मिलकर बना हुआ है। हल का अर्थ होता है- जमीन को खोदने वाला कृषि यंत्र और आसन का अर्थ है-'बैठने की मुद्रा'। इस योगासन को करने में शरीर की मुद्रा हल की तरह होती है। अंग्रेजी में इसे 'प्लो पोज' भी कहा जाता है।
कैसे करें हलासन
. सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और बाजुओं को सीधा पीठ के बगल में टिकाकर रखें।
. सांस को अंदर ले जाएं और अपनी दोनों टांगों को उठा लें।
. कोहनियों को जमीन पर टिकाए हुए दोनों हाथों से अपनी पीठ को सहारा दें।
. फिर टांगों को बिल्कुल पीछे ले जाएं और अपनी नजरों को नाक पर रखें।
. इसके बाद हाथों को पीछे की ओर ले जाकर जोड़ लें।
. 15-20 मिनट के लिए इस मुद्रा में रहें और फिर अपनी सामान्य अवस्था में वापिस आ जाएं।
सिंहासन
सिंहासन योग संस्कृत भाषा का शब्द है, जो दो शब्दों के साथ मिलकर बना हुआ है। पहला शब्द सिंह जिसका अर्थ है-' शेर' और दूसरा शब्द आसन जिसका अर्थ है- 'मुद्रा'। इस आसन में आपकी स्थिति एक जंगल में घूमते हुए शेर की तरह दिखाई देती है। इसलिए इसे सिंहासन कहा जाता है। यह योग थायराइड के रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसको नियमित तौर पर करने से आप थायराइड जैसी बीमारी से स्वंय का बचाव कर सकते हैं। थायराइड में बढ़ा हुआ वजन भी आप इस योगासन के जरिए कंट्रोल में कर सकते हैं।
कैसे करें सिंहासन
. सबसे पहले आप फर्श पर योगा मैट बिछाकर उस पर दोनों पैरों को सामने की ओर फैला कर बैठ जाएं।
. फिर अपने दाएं पैर को मोड़ें और उसे पैर की जांघ पर रख लें। ऐसे ही बाएं पैर को मोड़ें और उसे दाएं पैर की जांघ पर रख लें।
. इसके बाद आगे की ओर झुक जाएं। दोनों घुटनों के बल होते हुए अपने हाथों को नीचे फर्श पर रख लें।
. फिर दोनों हाथों को सीधा घुमाते हुए। अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को आगे की ओर खींच लें।
. अब अपने मुंह को खोलं और अपनी जीभ बाहर निकालें। नाक से सांस लें और अपनी आंखों को खुला रखें।
. ऐसे स्थिति में आप शेर की मुद्रा के सामान दिखाई देंगे। आप 20 से 30 सैकेंड के लिए इस आसन को करें।
. तय समय के बाद आप सामान्य अवस्था में आ जाएं।
मत्स्यासन
मत्स्यासन में आपका शरीर मछली की मुद्रा में बनता है। इसलिए इसे मत्स्यासन कहा जाता है। इस आसन को करने से आप तनाव मुक्त रहेंगे। सांस की समस्याओं को दूर करने के लिए भी यह आसन बहुत ही फायदेमंद है। वजन कम करने में यह आसन आपकी मदद करता है।
कैसे करें मत्सयासन
. सबसे पहले योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और अपनी टांगें आपस में जोड़ लें।
. फिर अपनी हथेलियों को हिप्स के नीचे लगाएं। हथेलियों को जमीन की तरफ रखें।
. कोहनियों को एक-दूसरे को पास में लाने के प्रयास करें।
. इसके बाद पैरों से पालथी मार लें। जांघें और घुटने फर्श पर सपाट रखें।
. सांस खींचते हुए सीने को ऊपर की ओर उठा लें। फिर सिर को ऊपर की ओर उठाएं।
. सांस बाहर निकालें और सामान्य स्थिति में आ जाएं।
. फिर सिर को उठाएं और सीने को जमीन पर वापस ले जाएं। टांगों को सीधा कर लें और विश्राम करें।