बाज़ार में चमकदार फलों को देखकर अगर आपकी भी आंखें चमक उठती हैं, तो ज़रा रुकिए. आपको रोकने के पीछे हमारा मक़सद आपको आगाह करना है. आगाह इसलिए कि ऐसे फल ‘एक्स्ट्रा वैक्स कोटेड’ होते हैं, जो हमारी सेहत को बिगाड़ने का काम करते हैं. एक्स्ट्रा वैक्स कोटेड का मतलब है कि फलों और सब्ज़ियों पर अलग से चढ़ाई गई मोम की परत. ऐसी परत वाले फल हमारे घरों में रोज़ाना पहुंचते हैं और हम उनका सेवन करते हैं. हालांकि कुछ तरीक़ों से हम ऐसे फलों व सब्ज़ियों की पहचान कर इनसे होनेवाले नुक़सान से बच सकते हैं.
क्या होती है वैक्स कोटिंग?
फलों को सुरक्षित रखने के लिए उनके ऊपर मोम की एक परत चढ़ाई जाती है. फ़ूड सेफ़्टी ऐंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने एक तय सीमा के अंदर नैचुरल वैक्स कोटिंग करने की इजाज़त दी है, ताकि उससे शरीर को नुक़सान नहीं पहुंचे. नैचुरल वैक्स तीन तरह के होते हैं. पहले नंबर पर ब्राजील की कार्नाबुआ वैक्स आता है, जिसे वैक्स ऑफ़ क्वीन भी कहा जाता है. इसके अलावा शहद बनाने की प्रक्रिया में दो तरह के वैक्स तैयार किए जाते हैं, जिन्हें बीज़ वैक्स व शैलेक वैक्स के नाम से जाना जाता है. फिर भी अगर दुकानदार ने फलों पर वैक्स कोटिंग की है, तो उसकी जानकारी ग्राहक को लेबल लगाकर देनी होती है. साथ में यह भी बताना होता है कि फलों पर वैक्स कोटिंग क्यों की जाती है. नैचुरल वैक्स कोटिंग की बात ही छोड़ दें. दुकानदार ग्राहकों यह भी बताने की जहमत नहीं उठाते कि फल और सब्ज़ी पर वैक्स कोटिंग की गई है. हालांकि कई रिसर्च में यह सामने आया है कि फलों पर किसी भी तरह की वैक्स कोटिंग नुक़सानदायक ही है.
क्यों की जाती है वैक्स कोटिंग?
सब्ज़ियों व फलों को ख़राब होने से बचाने व बाज़ार तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए दशकों से वैक्स कोटिंग की जा रही है. हालांकि फल व सब्ज़ियां ख़ुद को सुरक्षित रखने के लिए प्राकृतिक तरीक़े से मोम की परत छोड़ते हैं. लेकिन पेड़ से तोड़ने के बाद इनके ख़राब होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है. इसी से बचने के लिए किसान व बाग़बान इनपर मोम की परत चढ़ा देते हैं. मोम चढ़ाने से फलों के पोर बंद हो जाते हैं और उनमें नमी बनी रहती है. यह कोटिंग सेब व दूसरे महंगे फलों पर ख़ासतौर से की जाती है.
फलों को लंबे समय तक ताज़ा बनाए रखने के लिए दुकानदार इन पर कई मोम की कई परतें चढ़ा देते हैं. इन दिनों दुकानदार रासायनिक वैक्स का इस्तेमाल करते हैं, जिससे फल अधिक चमकदार व ताज़ा दिखाई देते हैं.
आप कैसे बचें?
तय मानकों के तहत की गई वैक्स कोटिंग वाले फलों को बेचने और खाने की इजाज़त है, पर आप इससे भी बच सकते हैं. फलों व सब्ज़ियों को गर्म पानी से धोकर खाएं. पानी में बेकिंग सोडा और नींबू का रस मिलाकर फलों व सब्ज़ियों को भिगा दें. कुछ देर बाद उन्हें रगड़कर साफ़ पानी से धो लें. चाहे कोई कितना भी कह ले कि नैचुरल वैक्स है फिर भी भलाई इसी में है कि अपनी तरफ़ से हमेशा सचेत रहें.
इसके नुक़सान
इस तरह के फल व सब्ज़ियां खाने से बदहज़मी, पेट में सूजन, लिवर पर असर और पेट दर्द जैसी कई तरह की समस्याएं होती हैं. इसके अलावा वैक्स शरीर में टॉक्सिन की मात्रा भी बढ़ा देते हैं, जो हमारे दूसरे अंगों पर असर डालते हैं.