Vitamin D: धूप में इतनी देर विटामिन-डी लेने से शरीर में घुल जाता है 'जहर'
Side Effects of Vitamin D Excess: हमारे शरीर को फिट रहने के लिए कई प्रकार के विटामिन और मिनरल्स की जरूरत होती है. इन्हीं में से एक विटामिन-डी (Vitamin D) भी है. शरीर में इसकी कमी होने पर हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिसके चलते उनमें हर वक्त दर्द हो सकता है. इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए कई बार लोग खुद ही मेडिकल स्टोर से गोलियां खरीदकर खा लेते हैं. इस तरह जरूरत से ज्यादा खाई गई गोलियों से काफी लोग हाइपरविटामिंस का शिकार हो जाते हैं और उनके खून में कैल्शियम जमा होने लगता है. इसके चलते उनकी किडनी के फेल होने की आशंका बढ़ जाती है. आज हम आपको बताते हैं कि शरीर को फिट रखने के लिए कितने विटामिन-डी का सेवन शरीर के लिए सही रहता है और उससे ज्यादा का सेवन करने पर वह आपके लिए जहर बन जाता है.
दिन में कितना विटामिन- डी जरूरी
हेल्थ एक्सपर्टों के मुताबिक 12 साल तक के बच्चों के लिए एक दिन में 400 इंटरनेशनल यूनिट (IU) विटामिन- डी की जरूरत होती है. वहीं 12 से लेकर 70 साल के लोगों के लिए रोजाना 600 IU लेना सही माना जाता है. जबकि 70 साल से ऊपर के लोगों को रोजाना 800 आईयू विटामिन- डी (Vitamin D) लेने की जरूरत होती है.
क्या है हाइपरविटामिनोसिस (Hypervitaminosis)
अगर आप विटामिन-डी (Vitamin D) की कमी पूरी करने के लिए बिना डॉक्टर की सलाह लिए गोलियां या इंजेक्शन ले रहे हैं तो यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है. इसके चलते आपके शरीर में IU का लेवल 600 के ऊपर जा सकता है. जिसके चलते आप हाइपरविटामिनोसिस का शिकार हो सकते हैं. इसलिए जहां तक हो सके, बिना किसी डॉक्टर की सलाह के विटामिन- डी की गोलियां नहीं लेनी चाहिए.
रोजाना इतनी देर तक ले सकते हैं सूरज की रोशनी
जिन लोगों के शरीर में विटामिन-डी (Vitamin D) की कमी होती है, उन्हें धूप सेंकने की सलाह दी जाती है. लेकिन यह भी असीमित नहीं है. डॉक्टरों के मुताबिक विटामिन-डी हासिल करने के लिए नवजात बच्चों को रोजाना 30 मिनट और 12 साल तक के बच्चों को 45 मिनट धूप सेंकना काफी रहता है. जबकि उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए हफ्ते में 5 दिन तक धूप सेंकने की जरूरत होती है. सूरज की धूप वैसे तो कभी भी सेंकी जा सकती है लेकिन सुबह 11 से शाम 3 बजे तक का समय उपयुक्त माना जाता है.
हो सकती हैं ये बड़ी बीमारियां
डॉक्टरों का कहना है कि जब शरीर में विटामिन-डी (Vitamin D) की मात्रा ज्यादा बढ़ जाती है तो हाइपरटेंशन, हार्ट प्रॉब्लम, पेट दर्द, जी मिचलाना, उल्टी दस्त, पेट में दर्द और भ्रम की स्थिति जैसे लक्षण सामने आने लगते हैं. इसके चलते किडनी फेलियर, हार्ट प्रॉब्लम, डिहाइड्रेशन, पॉलीयूरिया और पॉलीडिप्सिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए हमें ज्यादा मात्रा में विटामिन-डी हासिल करने से बचना चाहिए.
Source : Hamara Mahanagar
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