खतरा! घंटो तक एक ही जगह बैठकर करते है काम? तो जरूर पढ़े ये खबर

Update: 2020-12-28 05:43 GMT

फाइल फोटो 

पूरी दुनिया में फैली कोरोना वायरस की महामारी के बीच बहुत से लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. बीमारी से बचने के लिए ये अच्छी तरकीब है, लेकिन डेस्क जॉब में घंटों तक लगातार एक ही जगह बैठकर काम करना हमारी सेहत के लिए सही नहीं है. एक स्टडी के मुताबिक, लंबे समय तक डेस्क वर्क से मोटापा, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, कॉलेस्ट्रोल और ऑस्टियेपरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि कुछ खास बातों का ध्यान रखकर इन बीमारियों का जोखिम कम किया जा सकता है.

कैसी हो बैठने की जगह- कुर्सी पर बैठकर घंटों तक लंबी शिफ्ट करना कमर और गर्दन के लिए अच्छा नहीं है. इसके लिए अगर आप स्टैंडिंग टेबल या ऊंची हाइट वाले किसी टेबल या काउंटर का इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा. इससे आपको शुरुआत में थोड़ी परेशानी जरूरी होगी. लेकिन तरीका आपको कई नॉन कॉम्यूनिकेबल डिसीज से बचा सकता है.
कुर्सी की जगह एक्सरसाइज बॉल- जिम या फिटनेस सेंटर में आपने अक्सर लोगों को एक्सरसाइज बॉल पर बैठे देखा होगा. घंटों की लंबी शिफ्ट के बीच काम करते हुए इस बॉल का इस्तेमाल आपके लिए बड़ा फायेदमंद साबित हो सकता है. ये बॉल बॉडी पोश्चर, कोर मसल और पेल्विक स्टैब्लिटी को सुधारने का काम कर सकती है.
काम के बीच में ब्रेक- ऑफिस की तरह घर में भी काम के बीच में ब्रेक लेना कभी न भूलें. फोन अटेंड या पानी की बॉटल भरने के बहाने हर 45 मिनट में थोड़ा चलने की आदत बनाएं. इस ब्रेक में स्ट्रेचिंग, वॉकिंग और मार्चिंग जैसी कई आसान सी एक्सरसाइज भी कर सकते हैं.
बैठने का तरीका- काम करते वक्त अपने सिटिंग पोश्चर पर भी ध्यान दें. कुर्सी पर बैठते वक्त रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए और कंधे पीछे की तरफ उठे होने चाहिए. साथ ही जमीन पर पंजा पूरा लगना चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो पैरों के नीचे किसी छोटे स्टूल का सहारा भी ले सकते हैं. आपके कूल्हे, घुटने और टखने 90 डिग्री एंगल पर होने चाहिए.
दिल की सेहत का ख्याल- 8-9 घंटे की लंबी शिफ्ट करने के बाद हमारी फिजिकल एक्टिविटी शून्य हो जाती है, जिससे दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. रोजाना करीब एक घंटा लो इंटेंसिटी कार्डियोवस्क्युलर ट्रेनिंग करें. लिफ्ट की बजाए सीढ़ियों का इस्तेमाल करें. आस-पास किसी काम से जाने के लिए वाहन की बजाए पैदल चलने की आदत डालें.
पर्याप्त नींद और पानी- अपने स्लीपिंग पैटर्न का ध्यान रखना भी जरूरी है. रोजाना करीब 6-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें. इसके अलावा बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए खूब पानी पीएं. सर्दी के मौसम में वैसे भी डीहाइड्रेशन का खतरा काफी बढ़ जाता है. ये दोनों ही चीजें हमारी बॉडी की सही फंक्शनिंग के लिए बहुत जरूरी है.
फूड- खाने में सिर्फ हेल्दी चीजें खाने की आदत डालें. अपनी डाइट में प्रोटीन, नैचुरल फैट और बॉडी को एनेर्जी देने वाले कार्बोहाइड्रेट की चीजों को शामिल करें. इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां और फाइबर वाले फ्रूट भी रोजाना नियमित रूप से खाएं.
ये चीजें खाने से बचें- हाई शुगर या हाई सोडियम वाली चीजें खाने से बचें. इस तरह की चीजें मोटापा, हाई कॉलेस्ट्रोल, डायबिटीज और कई तरह के मेटाबॉलिक डिसॉर्डर का कारण बन सकती हैं. डीप फ्राई या बहुत मसालेदार खाने से दूर रहें. साथ ही शराब, सिगरेट या बहुत ज्यादा कैफीन का इस्तेमाल करने से भी बचें.

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