बार-बार प्यास लगने की समस्या को दूर करने के लिए करें जौ का सत्तू का सेवन

गर्मी का मौसम आते ही तेज गर्म हवाओं ने शरीर को सुखाना और डिहाइड्रेट करना शुरू कर दिया है.

Update: 2022-03-28 07:24 GMT

बार-बार प्यास लगने की समस्या को दूर करने के लिए करें जौ का सत्तू का सेवन

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गर्मी का मौसम आते ही तेज गर्म हवाओं ने शरीर को सुखाना और डिहाइड्रेट करना शुरू कर दिया है. हर दिन बढ़ रही सूरज के तपिश के कारण सिर चकराना, सिर में दर्द होना, चक्कर आना, उल्टी, मितली इत्यादि की समस्या बहुत अधिक बढ़ने लगी है. इन सभी समस्याओं का एक आसान समाधान है कि आप धूप में ही ना निकलें लेकिन यह संभव नहीं है क्योंकि जीवन-यापन के लिए काम करना जरूरी होता है. ऐसे में जौ आपके लिए बहुत अधिक मददगार साबित होगी क्योंकि इसके सेवन से शरीर में ठंडक रहती है और मन शांत रहता है.

बार-बार प्यास लगने से रोके
जौ का सत्तू शहद के साथ पीने से बार-बार प्यास लगने और मुंह सूखने की समस्या दूर रहती है. यदि आपको खुश्की की समस्या हो रही है तो आप दिन में 3 से 4 बार इसका सेवन कर सकते हैं. एक बार में एक गिलास सत्तू पर्याप्त होता है.
डिहाइड्रेशन से बचाए
जौ के सत्तू को पानी में घोलकर शहद मिला लें. धूप में निकलने से पहले इसका सेवन करें. यह आपको डिहाइड्रेशन से बचाएगा. लू का असर आप पर नहीं होगा और गर्मी के कारण सिर भी नहीं चकराएगा.
हाइपर एसिडिटी में आराम
जौ का काढ़ा बनाकर पीने से हाइपर एसिडिटी की समस्या दूर रहती है. इस काढ़े को बनाते समय आपको बिना छिलके का जौ, सूखा आंवला, दालचीनी, तेज पत्ता, इलायची इत्यादि का उपयोग करना है. एक बार में सिर्फ 15 से 30 एमएल काढ़े का ही सेवन करें.
मौसमी बीमारियों से बचाए
खांसी, जुकाम, बुखार, शरीर का टूटना, थकान रहना इत्यादि समस्याओं से बचाने में भी जौ लाभकारी होती है. गर्मी के मौसम में यदि ये समस्याएं आपको सता रही हैं तो आप जौ के सत्तू में मिश्री या शहद के साथ देसी घी मिलाकर खाएं. आपको बहुत अधिक और जल्दी लाभ होगा.
ऐसे बनाएं जौ का सत्तू
जौ का सत्तू यूं तो आपको बाजार में बना बनाया मिल जाएगा. लेकिन आप चाहें तो इसे घर में भी बना सकते हैं. जौ को भूनकर पीस लें और फिर इसके पाउडर को छान लें. आपका सत्तू तैयार है. अब इसे ताजे पानी के साथ शहद में घोलकर सेवन करें.
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