बॉबी देओल के इस फैसले ने कर दिया था उनका करियर बर्बाद
बॉबी देओल के इस फैसले ने कर दिया
बॉबी देओल ने साल 1995 में फिल्म बरसात से बतौर लीड एक्टर बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखा था। उनकी पहली ही फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आई थी। इस फिल्म की रिलीज के बाद लोग यह मानने लगे थे कि बॉलीवुड को अब एक नया सितारा मिल गया है और बॉबी भी अपने पापा की ही तरह एक अलग मुकाम हासिल करेंगे। यकीनन बादल, सोल्जर, बरसात और हमराज जैसी फिल्मों में उनकी बेहतरीन अदाकारी को दर्शकों ने काफी सराहा। यहां तक कि उनका वेब डेब्यू भी काफी जबरदस्त रहा। आश्रम में उनकी अदाकारी को लोगों ने काफी सराहा।
फिल्मी बैकग्राउंड और अच्छी अदाकारी के बाद भी बॉबी देओल वह छाप छोड़ने में नाकाम रहे, जो कभी धर्मेन्द्र ने छोड़ी थी। इसके पीछे की मुख्य वजह थी उनकी एक गलती। किसी भी स्टार की किस्मत उसकी फिल्मों से जुड़ी होती है। यही कारण है कि कोई भी कलाकारा किसी भी फिल्म को साइन करने से पहले कई बातों का ध्यान रखता है। यहीं पर बॉबी से गलती हो गई। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको उसी गलती के बारे में बता रहे हैं, जिसका काफी नेगेटिव असर बॉबी के करियर पर पड़ा था-
यह बात साल 2007 की है, जब बॉबी देओल की फिल्म अपने रिलीज हुई थी। यह फिल्म ब्लॉकबस्टर तो नहीं थी, लेकिन फिल्म को दर्शकों ने सराहा था। उस समय बॉबी देओल के पास कई फिल्में थीं।
उसी समय बॉबी देओल शाहिद कपूर की सुपरहिट फिल्म 'जब वी मेट' का ऑफर मिला था। लेकिन उस समय बॉबी देओल अन्य कई प्रोजेक्ट्स में बिजी थे, जिसके कारण उनके पास डेट्स की काफी कमी थी। ऐसे में उन्होंने इस मूवी को रिजेक्ट कर दिया। इस फिल्म में बाद में शाहिद कपूर नजर आए थे।
फिल्में होती गईं फ्लॉप
बॉबी देओल को उनकी यह गलती इसलिए भी भारी पड़ी, क्योंकि इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन सभी फिल्में बुरी तरह पिट गईं। ऐसे में लोग बॉबी देओल को एक फ्लॉप एक्टर के रूप में देखने लगे।
बता दें कि अपने फिल्म के बाद बॉबी देओल की छह फिल्में रिलीज हुईं और सभी फिल्में बहुत बुरी तरह पिट गईं। इन फिल्मों में नन्हे जैसलमेर, चमकू, एकः द पावर ऑफ वन, वादा रहा, हेल्प आदि शामिल थी। साल 2007 से लेकर साल 2010 तक बॉबी देओल एक भी हिट फिल्म नहीं दे पाए और इससे उनका फिल्मी करियर काफी प्रभावित हुआ।