रक्तदान करने से पहले जरूर जान ले ये बातें

हर साल 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस (World Blood Donor Day) मनाया जाता है. बताया जाता है

Update: 2022-06-14 08:55 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  हर साल 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस (World Blood Donor Day) मनाया जाता है. बताया जाता है कि नोबल प्राइस विजेता कार्ल लैंडस्टेनर जिन्होंने ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम को खोजा था, उनका जन्मदिन 14 जून को होता है. इसलिए 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस की तिथि ​के रूप में निर्धारित किया गया. रक्तदान दिवस का उद्देश्य लोगों को रक्तदान के प्रति जागरुक करना और प्रोत्साहित करना है क्योंकि रक्तदान से आप लोगों को जीवनदान दे सकते हैं. इसलिए रक्तदान को महादान की श्रेणी में रखा गया है. हर साल विश्व रक्तदान दिवस की नई थीम निर्धारित की जाती है. साल 2022 की थीम है- 'रक्तदान एकजुटता का काम है. प्रयास में शामिल हों और जीवन बचाएं'. अगर आप भी रक्तदान दिवस के दिन रक्तदान करने जा रहे हैं, तो यहां जानिए वो बातें जिनकी जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए.

रक्तदान करने की उम्र सीमा क्या है ?
नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल (NBTC) और नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (2017) के सहयोग से जारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, रक्तदान करने वालों की उम्र 18-65 साल के बीच होनी चाहिए. वजन कम से कम 45 किलो होना चाहिए और हीमोग्लोबिन कम से कम 12.5 ग्राम होना चाहिए. तब वे ब्लड डोनेट करने के योग्य माने जाते हैं.
रक्तदान क्यों करना चाहिए ?
कैंसर से लेकर इमरजेंसी सर्जरी और दुर्घटनाओं के कारण कई बार लोगों का काफी ब्लड लॉस हो जाता है, ऐसे में उन्हें रक्त की बहुत जरूरत होती है. आप अपना रक्तदान करके उन लोगों की जरूरत को पूरा कर सकते हैं और उन्हें इससे नई जिंदगी मिल सकती है. इसके अलावा रक्तदान आपके लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है. रक्तदान करने से आपका शरीर तमाम बीमारियों से बचा रहता है, दिमाग सकारात्मक होता है. रक्त दान करने वाले के कुछ जरूरी टेस्ट भी किए जाते हैं, जो उसके शरीर की फिटनेस चेक करने के लिए होते हैं. इस तरह रक्तदान के बहाने आपको अपनी सेहत के बारे में भी पता चल जाता है.
रक्तदान के दौरान कितना रक्त लिया जाता है ?
रक्तदाता के शरीर से एक बार में 300 से 400 मिली. रक्त लिया जा सकता है. ये शरीर में उपलब्ध रक्त का करीब 15वां भाग होता है. रक्तदान के तत्काल बाद आपका शरीर दान किए गए खून की पूर्ति करने में जुट जाता है. यदि व्यक्ति अपना खानपान बेहतर रखे तो 24 घंटे में वापस शरीर में उतना ही ब्लड बन जाता है.
क्यों तीन महीने में करना चाहिए रक्तदान ?
कहा जाता है रक्तदान हर तीन महीने में करना चाहिए. इसका कारण है कि हमारे शरीर में मौजूद लाल रक्त कणिकाएं 90 से 120 दिन के अंदर खुद ही मृत हो जाती हैं. इसलिए हर तीन माह में रक्तदान करने की सलाह दी जाती है.
कहां करना चाहिए रक्तदान ?
बताया जाता है कि सामान्य व्यक्ति एक बार रक्तदान करके तीन लोगों की जान बचा सकता है. अगर आप रक्तदान करने के इच्छुक हैं तो लाइसेंसीकृत सरकारी अस्पताल के रक्तकोष या किसी मान्यता प्राप्त संस्था द्वारा लगाए गए कैंप या रक्तकोष में रक्तदान कर सकते हैं.
क्या होता है यूनिवर्सल डोनर ?
O ब्लड ग्रुप वालों को यूनिवर्सल डोनर कहा जाता है. इसमें न तो एंटीजन A, B होते हैं और न ही RhD. ऐसा ब्लड किसी भी अन्य ग्रुप में आसानी से मिक्स हो जाता है यानी O ब्लड ग्रुप वालों का खून किसी को भी आसानी से चढ़ाया जा सकता है. ऐसे में ख़ून बिना रिजेक्ट हुए अन्य ग्रुप वालों के ख़ून में मिक्स हो जाता है
रक्तदान करने से पहले क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?
रक्तदान करने से 3 घंटे पहले पौष्टिक भोजन लें. रक्तदान से पहले आपको जो भी निर्देश दिए जाएं उनका पालन करें. फिटनेस से जुड़े जरूरी टेस्ट करवाएं, ताकि डोनर और रिसीवर दोनों को किसी तरह की समस्या न हो. रक्तदान से पहले धूम्रपान न करें और 48 घंटे पहले तक अल्कोहल न लें.
ये लोग न करें रक्तदान
जिन लोगों का हीमोग्लोबिन 12 से कम हो, उन्हें ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए. जो लोग किसी इंफेक्शन से परेशान हों और एंटीबायोटिक्स ले रहे हों, वे पूरी तरह से स्वस्थ होने से पहले रक्तदान न करें. टैटू बनवाया हो या पिय​रसिंग करवाई हो तो कम से कम 4 से 6 माह तक रक्तदान न करें
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