गर्भवती महिलाओं की खानपान से जुड़ी चिंता दूर करने के लिए ये हैं आसान टिप्स

अक्सर गर्भवती महिलाओं की चिंता होती है कि उन्हें क्या खाना चाहिए जिससे गर्भ में पल रहे शिशु और उनका स्वास्थ्य ठीक रह सके.

Update: 2020-10-17 07:35 GMT
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अक्सर गर्भवती महिलाओं की चिंता होती है कि उन्हें क्या खाना चाहिए जिससे गर्भ में पल रहे शिशु और उनका स्वास्थ्य ठीक रह सके. गर्भावस्था के दौरान संतुलित और स्वस्थ आहार आपकी चिंता को दूर तो कर देते हैं, मगर फिर एक समस्या ये आ जाती है कि संतुलित आहार में क्या शामिल करें जिससे भरपूर पौष्टिक तत्व हासिल हो. विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भवती महिला को सुपर फूड इस्तेमाल की आदत डाल लेनी चाहिए.

सौंफ

विशेषज्ञों के मुताबिक, पाचन का स्वास्थ्य के साथ बहुत गहरा संबंध होता है. पाचन ठीक रहेगा तो खाना आसानी से पचेगा. और जब खाना आसानी से पचेगा तो शरीर को सभी जरूरी पौष्टिक तत्व बिना किसी बाधा के हासिल होंगे. इसलिए पाचन को दुरुस्त रखने के लिए सबसे पहले सौंफ मुफीद साबित हो सकता है. अपच के लक्षण जैसे पेट की जलन, गैस की शिकायत अक्सर गर्भावस्था के दौरान सुनने को मिलते हैं. इसलिए डाइट में सौंफ को शामिल करने से कब्ज और अपच के लक्षण स्पष्ट तौर पर कम हो सकते हैं.

बादाम

बादाम को सुपर फूड भी कहा जाता है. ये विटामिन ई का प्रमुख स्रोत होता है. विटामिन ई के सेवन से मेटाबोलिज्म बढ़ता है और पेट में पल रहे बच्चे के दिमागी विकास में मददगार भी हो सकता है. प्रेग्नेंसी के दौरान बादाम का रोजाना सेवन किया जाना चाहिए.

खुबानी

ये सूखा फल आयरन का भरपूर स्रोत होता है. ब्लड शुगर लेवल को स्वस्थ तरीके से नियंत्रित रखने और स्तनपान करानेवाली महिलाओं के लिए खुबानी मुफीद होता है. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को ज्यादा भूख की इच्छा होती है. खुबानी के सेवन से इच्छाओं को संतुष्टि मिलती है. इसके अलावा, आयरन की खुराक को गर्भावस्था के दौरान बढ़ा देना चाहिए. खुबानी खाकर गर्भवती महिलाएं अपनी जरूरत को पूरा कर सकती हैं.

इसके अलावा भी अन्य फूड गर्भावस्था के दौरान इस्तेमाल किए जा सकते हैं. दूध, दही, योगर्ट, पनीर, छाना जैसे फूड गर्भवती महिलाओं के लिए मुफीद होते हैं. गर्भावस्था में महिलाओं को भरपूर प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, हेल्दी फैट, कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर और अत्यधिक तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा उन्हें पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी जाती है. जिससे कब्ज और मूत्र पथ के संक्रमण को रोकने में मदद मिल सके. अल्कहोल का इस्तेमाल तो भूल कर भी गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए.

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