पहाड़ों पर बसे हैं देवी माता के ये 5 प्रसिद्ध मंदिर, परिवार के साथ जाने का प्लान बना लें
परिवार के साथ जाने का प्लान बना लें
हर साल बड़े ही धूमधाम से नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार शारदीय नवरात्रि का पर्व 15 अक्टूबर 2023, रविवार के दिन से शुरू होने जा रहा है। देखा जाए तो भारत में माता रानी के अधिकतर मंदिर पहाड़ों पर बसे हुए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय मंदिर माता वैष्णो देवी कटरा को माना जाता है।
आज हम आपको माता वैष्णो देवी मंदिर के अलावा ऐसे पहाड़ों पर स्थित मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जहां आपको ट्रैवल करना काफी पसंद आएगा। ये मंदिर भी वैष्णो देवी मंदिर की तरह ही पहाड़ों पर बसे हुए हैं। इस नवरात्रि आपको माता के दर्शन के लिए इन मंदिरों में जाने का प्लान जरूर बनाना चाहिए।
अधर देवी मंदिर, राजस्थान
यह मंदिर राजस्थान के माउंट आबू से 3 किमी. दूर एक पहाड़ी पर स्थित है। यहां माता के छठे स्वरूप मां कात्यानी की गुप्त रूप की पूजा होती है। नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते है। मंदिर के पास ही अर्बुदा देवी का चरण पादुका मंदिर भी स्थित है।
यहां माता ने चरण पादुकाओं के नीचे बासकली राक्षस का संहार किया था। इसलिए यहां उनके चरण पादुकाओं की पूजा होती है। भक्तों के लिए इस मंदिर के द्वार हर दिन खुले रहते हैं। (महाराष्ट्र में घूमने के लिए बेस्ट जगह)
मंदिर के सुबह खुलने का समय- सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक खुला रहता है।
मंदिर के शाम के खुलने का समय- शाम 4 बजे से रात 8 बजे कर मंदिर के द्वार खुले रहते हैं।
चामुंडेश्वरी मंदिर, कर्नाटक
बम्लेश्वरी देवी मंदिर, छत्तीसगढ़
यह मंदिर राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ शहर में स्थित 1,600 फीट ऊंची पहाड़ी पर बसा हुआ है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको 1100 सीढ़ियों से जाना होगा।
मंदिर खुलने का समय सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक है। यहां मंदिर डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन के करीब पड़ता है। रेलवे स्टेशन से आपको बस या कैब के जरिए मंदिर तक जाना होगा।
तारा तारिणी मंदिर
इसी तरह तारा तारिणी मंदिर जिस पहाड़ी पर स्थित है, उसकी ऊंचाई 708 फुट है। यह मंदिर दो जुड़वां देवियों तारा और तारिणी को समर्पित है।
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