दाल में होता है प्रोटीन का खजाना, रोजाना सेवन बनाता है स्वस्थ
रोजाना सेवन बनाता है स्वस्थ
दालों के बिना भारतीय भोजन अधुरा माना जाता हैं. भारत के हर घर में दाल जरूर बनायीं जाती हैं. प्रोटीन के खजाने को समेटे हुए दालें शाकाहारी भोजन का महत्वपूर्ण भाग होती हैं. स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पाचन की दृष्टि से भी बहुत लाभदायक होती हैं. दालों का सेवन करने से हमारे शरीर को विटामिन्स, मिनरल्स, फॉस्फोरस जैसे कई तरह के तत्व मिलते हैं, जो हमारे शरीर को बीमारियों से दूर रखने के साथ ही उसे स्वास्थ बनाएं रखने में भी मदद करते हैं. आज हम आपको बताने जा रहें किस तरह दालें हमारे लिए बहुत फायदेमंद हैं
पीली मूंग दाल में प्रोटीन, आयरन और फाइबर बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है. पोटैशियम, कैल्शियम और विटामिन बी कॉम्पलेक्स वाली इस दाल में फैट बिल्कुल नहीं होता.अन्य दालों की अपेक्षा पीली मूंग दाल आसानी से पच जाती है. इसमें मौजूद फाइबर शरीर के फालतू कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं. बीमारी में इस दाल का सेवन काफी फायदेमंद होता है.
दाल में ऐसे फाइबर पाए जाते हैं, जिससे हमारा रक्त कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है. इससे आपकी धमनियां साफ होती हैं और दिल से संबंधित रोग नहीं होते हैं.
चना दाल में फाइबर की मात्रा सबसे अधिक होती है जो कोलेस्ट्रॉल कम करती है.स्वादिष्ट होने के साथ ही इसमें ग्लाइसमिक इंडेक्स होता है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है.चना दाल में जिंक, फोलेट, कैल्शियम और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं.
दाल में कैंसर के खतरे को कम करने की क्षमता होती है. इसमें एपोपोसिस और साइटोटॉक्सिसिटी जैसे तत्व पाएं जाते हैं जो कि कैंसर की कोशिकाओं की ग्रोथ को रोकते हैं.
मसूर की दाल का सूप पीने से आंतों और गले से संबंधित रोगों में आराम मिलता है. दाल का पाउडर बनाकर दांतों पर रगड़ने से दांतों के सभी रोग भी दूर हो जाते हैं। साथ ही उनमें चमक भी आती है. एनीमिया के रोगी के लिए यह दाल बहुत ही फायदेमंद है। कमजोरी की समस्या भी दूर होती है.
गर्भवती महिलाओं के लिए काले बीन्स में मौजूद फोलेट बच्चे के विकास में बहुत फायदेमंद होते हैं. बीन्स के उपयोग से आपकी वेस्टलाइन के बढ़ने की संभावना 23 फीसदी कम हो जाती है.