शरीर में दिखने वाले वाले तिल के सेहत से जुड़े होते है तार, जाने क्या कहता है साइंस
परेशानी तब होती है जब शरीर पर 50 से अधिक तिल हों। तब कैंसर की संभावना बहुत ज्यादा होती है।
शरीर के किसी न किसी हिस्से में छोटे-छोटे से काले या भूरे रंग के उभरे हुए तिल जरुर दिखाई देते है। इन निशान को तिल, मस्सा या अंग्रेजी में मॉल (Mole) कहा जाता है। गाल के किसी कोने में या होंठों के पास दिखने वाले ये छोटे-छोटे तिल आपकी खूबसूरती बढ़ाते हैं। वहीं बड़े-बड़े काले मस्से आपकी खूबसूरती पर दाग भी लगा देते है।
हिंदू संस्कृति में तो तिल के कई अलग-अलग मतलब भी बताए गए हैं। कहा जाता है कि किसी से धन तो किसी से शादी, किसी से संतान तो किसी से सुख और समृद्धि के योग बनते हैं। मगर हेल्थ साइंस की माने तो तिल पिगमेंट मेलानिन से बने होते हैं, जो बॉडी के अलग-अलग रंगों के लिए जिम्मेदार होता है। आइए जानते है शरीर में दिखने वाले तिलों से जुड़े फैक्ट के बारे में।
पिगमेंट मेलानिन के वजह से
मेलानिन एक तरह का पिगमेंट होता है जो बॉडी के कई सारे सेल्स से बना होता है। इसे मेलानोसाइट्स कहते हैं, जो बॉडी के कलर और कॉम्प्लेक्शन के लिए जिम्मेदार होता है। मेलानोसाइट्स सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर तिल बनते हैं। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान हार्मोन्स के बदलाव के कारण, डायबिटीज, जीन्स आदि भी इसके बनने के कारण हो सकते हैं। ये एक भी हो सकता है और एक ही जगह कई भी।
तिल में बाल निकलने का खतरनाक
तिल निकलने पर कोई परेशानी नहीं होती। हां, लेकिन कई बार ये खराब जरूर लगते हैं। वहीं तिल कुछ लोगों की खूबसूरती भी बढ़ाते हैं। और उसमें बाल निकले होते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि तिल पर निकले बाल कैंसर का कारण भी बन सकते हैं, लेकिन मेडिकल साइंस से यह प्रमाणित नहीं हुआ है। वैक्सिंग, प्लकिंग और थ्रेडिंग से इन्हें आसानी से निकाला जा सकता है।
कब निकलते हैं तिल
शरीर में तिल कभी भी निकल सकते हैं। जन्म के समय भी और 20 से 30 साल की उम्र के बाद भी। लेकिन अच्छी बात होती है कि ये निकलते हैं और खत्म भी होते रहते हैं। कभी इनका डॉर्क कलर लाइट भी होने लगता है। तिल वक्त बीतने और उम्र बढ़ने पर गायब भी होने लगते हैं।
कैंसर का कारण
शरीर में ज्यादा तिल दिखना कैंसर का कारण भी बन सकता है। ये तिल शरीर के लिए खतरनाक भी हो सकते हैं। इन्हें मेलानोमा कहा जाता है। ये एक प्रकार का स्किन कैंसर होता है। वैसे तो रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि तिल बहुत ही कम कैंसर का कारण बनते हैं। लगभग 3164 मामलों में सिर्फ 1 ही ऐसा मामला सामने आता है। परेशानी तब होती है जब शरीर पर 50 से अधिक तिल हों। तब कैंसर की संभावना बहुत ज्यादा होती है।