खाने की इच्छा, बहुत कुछ कहती है, ज़रा ध्यान दें

Update: 2023-06-28 15:24 GMT
कभी-कभी आपको भी यूं लगता होगा कि काश, अपनी पसंदीदा चॉकलेट खाने मिल जाए तो क्या कहने! कभी-कभी बस यूं ही चटर-पटर चीज़ें खाने का मन करता है. क्या यह भूख है? यदि भूख है तो यह कैसी भूख है? और है भी तो ऐसी भूख का क्या कारण है? देखा जाए तो भूख और किसी विशेष खाद्य पदार्थ को अचानक खाने की इच्छा यानी ललक के बीच अंतर है. वास्तव में किसी विशेष खाद्य पदार्थ की ललक, आपके भीतर किसी पौष्टिक पदार्थ की कमी का संकेत भी हो सकती है. आइए, जाने क्या कहते हैं ये संकेत.
आपका मन कर रहा है: चॉकलेट खाने का
इसका मतलब: चॉकलेट में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसलिए इसके प्रति तीव्र लालसा इस बात का संकेत हो सकती है कि आपके शरीर में बालों और त्वचा के लिए आवश्यक मिनरल्स की कमी है. मीठा खाने की तीव्र इच्छा का यह भी मतलब है कि आपने ठीक से खाना नहीं खाया. जितनी कैलोरीज़ शरीर को चाहिए थीं, वह मिल नहीं पा रही हैं. शरीर ऐसी चीज़ चाहता है, जिससे तुरंत एनर्जी मिले.
तो आप क्या करें: यदि वह चीज़ जिससे आप तुरंत एनर्जी पाना चाहते हैं, वह चॉकलेट ही होनी चाहिए तो ऐसी चॉकलेट चुनें जिसमें 75 प्रतिशत तक कोको हो, क्योंकि इसमें मैग्नीशियम की मात्रा ज़्यादा और शक्कर की मात्रा कम होती है. यदि आप चॉकलेट खाने से ख़ुद को रोक सकते हैं तो इसकी जगह नट्स खाएं, यह मैग्नीशियम के समृद्ध स्रोत हैं. चॉकलेट की लालसा पर क़ाबू पाने के लिए हरी पत्तेदार सब्ज़ियों, ब्राउन राइस और होल ग्रेन ब्रेड को अपनी डायट में शामिल करें. वैसे यदि आप चाहते हैं कि शरीर इस तरह अचानक कैलोरीज़ की डिमांड न करे तो खाना ठीक से खाएं, ताकि शरीर की ज़रूरतें पूरी हो जाएं और अचानक मीठा खाने की तलब न लगे.
आपका मन कर रहा है: चटर-पटर खाने का
इसका मतलब: लगातार खाते जाने से हम अपने शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स भर रहे होते हैं. कार्बोहाइड्रेट्स या कार्ब्स शरीर को मिलनेवाली ऊर्जा का मुख्य स्रोत होते हैं. यदि आपको कार्ब्स खाने का ज़बर्दस्त इच्छा हो रही है तो समझें आपमें अमीनो एसिड ट्रिप्टोफ़ेन की कमी है. इसके अलावा कार्ब्स खाने की इच्छा इमोशनल कारणों से भी जुड़ी है. कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जब हम तनाव में होते हैं तब खाने की इच्छा सामान्य से ज़्यादा होती है. और एक बात, तनाव में हम सेहतमंद नहीं, चटपटी चीज़ें खाना चाहते हैं. चाहे काम का तनाव हो या रिलेशनशिप में सबकुछ अच्छा न चल रहा हो, चटपटा खाने की हमारी इच्छा बढ़ जाती है. यहां तक कि मौसम में बदलाव भी हमें कार्ब्स खाने को प्रेरित करते हैं.
तो आप क्या करें: भोजन में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाएं. ये आपकी लालसा को नियंत्रित कर आपके मूड को भी अच्छा बना सकता है. ट्रिप्टोफेन के अच्छे स्रोत में पनीर, दूध, अंडा और केला शामिल हैं. यदि आप कार्ब्स ज़्यादा खा रहे हैं तो साथ में फ़िज़िकल ऐक्टिविटी पर भी ध्यान दें. यदि तनाव महसूस कर रहे हैं तो योग, एक्सरसाइज़ और मसाज से राहत मिलेगी. एक बात याद रखें ज़रूरत से ज़्यादा खाना खाना तनाव का समाधान नहीं है.
आपका मन कर रहा है: बर्फ़ खाने का
इसका मतलब: बर्फ़ खाने की इच्छा गर्मी से जुड़ी हो ऐसा नहीं है. देखा जाए तो इस इच्छा के पीछे अजीबोग़रीब कारण है. कई शोधों में पता चला है कि यदि आपको बार-बार बर्फ़ खाने की इच्छा हो रही हो तो समझिए कि आपके शरीर में आयरन की भारी कमी है. डॉक्टर्स को ठीक-ठीक आयरन की कमी और बर्फ़ के रिश्ते के बारे में नहीं पता, पर वे अंदाज़ा लगाते हैं कि ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि आयरन की कमी के चलते मुंह में आनेवाली सूजन से बर्फ़ खाने से आराम मिलता है.
तो आप क्या करें: ज़ाहिर है, हम आपको बर्फ़ खाने की सलाह तो नहीं देंगे. वैसे तो आयरन का सबसे अच्छा स्रोत रेड मीट होता है, पर यदि आप शाकाहारी हैं तो भी आपके पास कई सारे विकल्प हैं. आप अंजीर, एप्रिकोट (खुबानी), पालक, ब्रोकलि और दालों से आयरन प्राप्त कर सकते हैं. मछली पसंद करनेवाले खानपान में सार्डिन फ़िश शामिल करें. उससे आपके शरीर की आयरन की ज़रूरत काफ़ी हद तक पूरी हो जाएगी. आप आयरन सप्लिमेंट्स भी ले सकते हैं.
आपका मन कर रहा है: चीज़ खाने का
इसका मतलब: आपके शरीर में हड्डियों की मज़ूबती के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ यानी कैल्शियम की कमी है. देखा जाए तो हम कैल्शियम को केवल हड्डियों और दांतों की सेहत से जोड़कर देखते हैं, पर मसल्स और नर्व्स के सुचारू फ़ंक्शन के लिए भी कैल्शियम बहुत ज़रूरी मिनरल है. फ़िगर को लेकर कॉन्शस आज की जनरेशन सैचुरेटेड फ़ैट्स खाने से बचती है, जिससे कई ज़रूरी मिनरल्स शरीर में नहीं पहुंच पाते. यही कारण है कि महज़ 35 से 40 वर्ष की उम्र के लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस के मामले दिखने लगे हैं, ख़ासकर महिलाओं में.
तो आप क्या करें: चीज़ खाने का मन कर रहा है तो चीज़ ज़रूर खाएं. इसके अलावा दूध, दही, सैल्मन मछली (यदि आप मांसाहारी हों), ब्रोकलि और बादाम को अपनी डायट में शामिल करें. ये सभी चीज़ें कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत हैं. कैल्शियम पाने का सबसे सस्ता और सबसे अच्छा तरीक़ा है सूरज की रौशनी से नहाना यानी धूप सेंकना. हां, धूप सेंकते समय यह ज़रूर याद रखें कि सुबह की गुनगुनी धूप ही लें. दिन की धूप आपकी त्वचा को झुलसा सकती है.
आपका मन कर रहा है: मीट खाने का
इसका मतलब: हो सकता है यह इस बात का संकेत हो कि आपके शरीर को आयरन की ज़रूरत है, पर यह भी संभव है कि आपके अंदर ज़िंक की कमी है. ये मिनरल हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं. शरीर में इनकी कमी से हम आसानी से सर्दी-खांसी और फ़्लू का शिकार हो जाते हैं. इसके अलावा ज़िंक सेहतमंद नाख़ूनों, त्वचा और बालों के लिए भी बेहद ज़रूरी है.
तो आप क्या करें: रेड मीट आयरन और ज़िंक का सबसे बेहतर स्रोत है, लेकिन दालें, शेलफ़िश, पालक, चीज़ और होल ग्रेन ब्रेड में यह कम फ़ैट के साथ पाए जाते हैं. यदि आप शाकाहारी हैं तो इन मिनरल्स की कमी सप्लिमेंट्स द्वारा पूरी कर सकते हैं. कैनेडियन मेडिकल असोसिएशन जरनल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक़ मिनरल्स की पर्याप्त मात्रा से हमें सर्दी-खांसी होने की संभावना कम हो जाती है.
Tags:    

Similar News

-->