एक्जिमा से छुटकारा पाने के लिए लें आयुर्वेद की मदद, फॉलो करें ये प्राकृतिक टिप्स

Update: 2022-05-05 14:44 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। क्या आप स्किन रैशेज से परेशान हैं? क्या खुजली आपको असहज महसूस कराती है? यदि हां, तो आप एक्जिमा नामक त्वचा की पुरानी समस्या से पीड़ित हो सकते हैं। सूखी, खुजली वाली त्वचा के साथ अचानक रैशेज हो जाना एक्जिमा के सामान्य लक्षण हैं। तनाव, हाइपरएक्टिव इम्यून सिस्टम, जेनेटिक्स और पर्यावरण के कराण ये समस्या बढ़ जाती है। यदि आपको एक्जिमा है, तो आपकी त्वचा छोटी-छोटी जलन या एलर्जी पर भी प्रतिक्रिया करेगी। एक्जिमा के इलाज के लिए आयुर्वेद में सबसे कारगर उपाय हैं।

एक्जिमा के प्रकार
एक्जिमा सात तरह के होते हैं जो खुशकी, खुजली, दरार, सूजन और लाली का कारण बनती हैं।
- ऐटोपिक डर्मेटाइटिस
- कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस
- सीबोर्हिक डर्मेटाइटिस
- स्टैसिस
- न्यूरोडर्मेटाइटिस
- डाइशिड्रोटिक एक्जिम
- न्यूमुलर एक्जिमा
अलग तरह के एक्जिमा शरीर के अलग अंग पर असर करते हैं। सीबोर्हिक डर्मेटाइटिस अक्सर खोपड़ी पर होता है, स्टैसिस डर्मेटाइटिस निचले पैरों पर होता है और कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस जलन पैदा करने वाले हिस्सों पर होता है।
एक्जिमा को ठीक करने के प्राकृतिक उपचार
आयुर्वेद के अनुसार, एक्जिमा तब होता है जब आपके शरीर में असंतुलन होते हैं। आयुर्वेद प्राकृतिक तरीकों से उन्हें संतुलित करता है। एक्जिमा जैसी त्वचा की समस्याओं को ठीक करने के लिए आयुर्वेद को हमेशा सबसे अच्छा इलाज माना जाता है क्योंकि यह सुरक्षित और कम संक्रामक होता है।
एलोवेरा लगाएं
सभी प्रकार की त्वचा की समस्याओं के लिए एलोवेरा हमेशा आसान और प्रभावी इलाज है। ये त्वचा को मॉइस्चराइज करते हैं और संक्रमण की संभावना को कम करते हैं।
ओटमील बाथ
त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए अक्सर कोलाइडल ओटमील बाथ की सलाह दी जाती है। ओटमील पेस्ट से त्वचा की खुशकी कम हो जाएगी और डेड सेल भी हट जाएंगे जिससे एक्जिमा के इलाज में मदद मिलेगी।
नारियल और सूरजमुखी के बीज का तेल
रूखी त्वचा कई समस्याओं का कारण बनती है और एक्जिमा उनमें से एक है। नारियल का तेल या सूरजमुखी के बीज का तेल लगाने से आपकी त्वचा में नमी बनी रहती है।
नियमित योग
भुजंगासन, वक्रासन, त्रिकोणासन, सूर्य नमस्कार जैसे कुछ योग आसन एक्जिमा में फायदा करते हैं। इससे रक्त संचार सुधरता है और तनाव कम होता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।त्रिफला, शतावरी, रक्त चंदनम, तुलसी, हल्दी, नीम जैसी प्राकृतिक जड़ी-बूटियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो एक्जिमा बैक्टीरिया और उसके बाद के प्रभावों को बनने से रोकते हैं।


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