डिप्रेशन को दूर करने में कारगर है धुप
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो एक ही समय में कई बीमारियों के साथ आती है।
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | आपने भी कभी न कभी ये गाना -जिंदगी धूप तुम घना साया जरूर गुनगुनाया होगा. इसका शाब्दिक अर्थ निकाला जाए तो यहां धूप (Sunlight and Sunshine) को परेशानी देने वाले सेंस में लिया गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी सेहत के लिए धूप ही घना साया है. धूप को परेशानी की तरह लेने के सेंस के पीछे शायद यह वजह हो सकती है कि त्वचा पर सूरज की रोशनी कैंसर की वजह बन सकती है? यह इसके नेगेटिव पहलू या डाउनसाइड्स में से एक है, लेकिन अगर इससे इतर देखा जाए तो सनशाइन सभी जीवित जीवों के लिए बेहद जरूरी है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि रिसर्च बताती हैं कि धूप में वक्त बिताने के अनगिनत फायदे (Benefits) हैं, लेकिन एक सीमित तरीके से. कैंसर और अन्य सेहत संबंधी परेशानियों को दूर करने में मददः
सूरज की रोशनी हमारे शरीर को विटामिन डी बनाने में मदद करती है जो कि कुछ तरह के कैंसर को रोकने में कारगर होती है. विटामिन डी की कमी की वजह से (Dementia),दांतों के कमजोर होने, प्रतिरक्षा प्रणाली को खतरा (compromised immune system) और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी दिक्कतें पेश आ सकती हैं. विटामिन डी लेने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इसे कुछ खाद्य पदार्थों, जैसे मछली और ताजे दूध के जरिए और हर हफ्ते आधे घंटे की सीधी धूप से लिया जाए.
डिप्रेशन को दूर करने में कारगरः
हमारे दिमाग में सेरोटोनिन तब बनता है जब सूर्य की रोशनी रेटिना से टकराती है. यह केमिकल हमें एक शानदार और अनोखी पॉजिटिव फिलिंग देता है. यह जगजाहिर है कि अधिकांश एंटीडिप्रेसेंट कृत्रिम तरीके से सेरोटोनिन उत्पादन को उत्तेजित करने का काम करते हैं और इस तरह से अवसाद (Depression) को रोकने में मदद करते हैं. तो फिर इन्हें लेने की जगह सीमित और सही तरीके से धूप ही क्यों न सेकी जाए.
कीटाणुनाशक हैः
धूप के कीटाणुनाशक प्रभाव को समझने के लिए वैसे तो यही काफी है कि हम जिस चीज को भी कीटाणुओं से मुक्त करना चाहते हैं उसके लिए उसे धूप में रख देते हैं, लेकिन इस पर संजीदगी से जानना हो तो हम उस घटना पर वापस जाते हैं जब 1903 में नील्स रिबर्ग फिनसेन को इसके लिए नोबेल पुरस्कार मिला था. उन्होंने अपनी खोज से बताया कि कुछ विशेष बीमारियों के इलाज में रोशनी बेहतरीन काम करती है. उन्होंने सनलाइट के जीवित लोगों पर पड़ने वाले प्रभावों पर गहन खोज की और फोटोथैरेपी की जरिए यह बताया कि लाइट के मेडिसनल बेनेफिट्स होते हैं.
जिंदगी बढ़ाती हैः
ऑस्ट्रिया की ग्राज़ यूनिवर्सिटी में कई साल तक एक हजार हार्ट पैशेंट्स की निगरानी (Observation) की गई. इसमें पाया गया कि जल्दी मौत होने और शरीर में विटामिन डी की मात्रा के बीच संबंध था. इसलिए हम नहीं कह रहे बल्कि ये खोज बता रही है कि शरीर में इन विटामिनों को बनाए रखने का सबसे अच्छा और सस्ता तरीका है थोड़ी सी धूप का आनंद लेना ही है.
भूख पर कंट्रोलः
विटामिन डी का एक और प्रभाव यह है कि यह भूख (appetite) को कंट्रोल में रखता है. यह बात स्कॉटलैंड की एबरडीन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में सामने आई है. जब उन्होंने दो साल तक 3,000 महिलाओं को मॉनिटर किया. इससे यह पता चला कि जिन लोगों के शरीर में विटामिन डी का स्तर कम था, उनमें मोटापे की परेशानी अधिक देखी गई.
बेहतर नींद के लिए जरूरीः
नींद और धूप (Sunlight) में भला क्या कनेक्शन हो सकता है आप भी सोच रहे होंगे, लेकिन सच इसके बिल्कुल उलट है जी हां. आंखों के रिसेप्टर्स (Receptors) सूरज की रोशनी को ठीक तरीके से लेकर दिन-रात के रिदम को दुरुस्त (Regulate) करते हैं. रिसर्चर ने प्रूव किया है कि इसका एक अहम काम स्लीप हार्मोन मेलाटोनिन (Melatonin) का उत्पादन भी होता है. ये हॉर्मोन रात में बनता है.धूप और स्लीप हॉर्मोन के बीच संबंध है क्योंकि इसका बनना आपके शरीर को मिलने वाली धूप पर निर्भर करता है. यदि दिन के दौरान आप सही धूप लेते हैं तो यह हार्मोन बेहतर तरीके बनता है.
ब्लड प्रेशर में सुधार करता हैः
स्कैंडिनेविया में सर्दियों दिन छोटे होने की वजह से सूरज कम दिखता है. वहां के लोगों के बीच हुई रिसर्च बताती है कि वहां के 80 फीसदी लोगों में विटामिन डी की बेहद कमी पाई गई है. यूरोपियन सोसाइटी ऑफ हाइपरटेंशन की हाल की कांफ्रेस में यह अहम खुलासा हुआ है कि जो महिलाएं विटामिन डी की कमी से पीड़ित हैं उन्हें हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी बनी रह सकती है. कम शब्दों में अधिक कहा जाए तो लंच के वक्त और स्पेशली विंटर में धूप लेने के लिए टाइम निकालना चाहिए